Kalashtami Vrat 2023: आज कालाष्टमी पर इन उपायों से दूर करें, पति-पत्नी के बीच की कड़वाहट
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Kalashtami Vrat 2023: आज कालाष्टमी पर इन उपायों से दूर करें, पति-पत्नी के बीच की कड़वाहट

Kalashtami Vrat 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी होती है. आज कालाष्टमी का व्रत 13 फरवरी का व्रत करने के साथ ही एक छोटा का उपाय कर वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानी को दूर किया जा सकता है. 

 

Kalashtami Vrat 2023: आज कालाष्टमी पर इन उपायों से दूर करें, पति-पत्नी के बीच की कड़वाहट

Kalashtami Vrat 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी होती है. आज कालाष्टमी का व्रत 13 फरवरी का व्रत करने के साथ ही एक छोटा का उपाय कर वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानी को दूर किया जा सकता है. 

डर से मुक्ति
कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा करने से हर प्रकार के डर से मुक्ति मिल जाती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है. आज के दिन भगवान की कृपा से शत्रुओं से छुटकारा मिल जाता है.

वैवाहिक जीवन की परेशानी
आज के दिन अगर वैवाहिक जीवन में परेशानी हैं तो मंदिर में तिल की बर्फी का दान करें ऐसा करने पर आपका जीवनसाथी आपको लेकर समर्पित होगा और जीवन में मधुरता वापस आएगी. आज शिव जी की प्रतिमा के आगे शिव चालीसा और भैरव के मंत्र का जप भी करें.

बिजनेस की परेशानी
अगर बिजनेस में कोई परेशानी चल रही हो तो आज के दिन भैरव मंदिर में सवा सौ ग्राम साबुत उड़द चढ़ा देना चाहिए . फिर उसमें से 11 दाने उड़द के निकालकर काले कपड़े में बांधे और तिजोरी में रख लें. बिजनेस दिन दोगुना रात चौगुना बढ़ोत्तरी करेगा. वही अगर सुख साधनों  की बढ़ोत्तरी चाहते हैं तो भैरव जी के सामने सरसों को दीपक जलाए और नीचे दिए गए मंत्रों का जप करें. 

बुरी नजर से बचाव
एक मुट्ठी काले तिल भैरव बाबा का ध्यान करते हुए. बुरी नजर से बचाव के लिए सिर से उतार दें. इसे 6 बार सीधा और फिर एक बार उल्टी घुमाना ना भूलें. और फिर बहते पानी में इस डालकर भैरव देव का ध्यान करें.

शिवपुराण में कालभैरव की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जप करने पर मनोवांच्छित कामना के पूर्ति होने की बात कही गयी है.कालाष्टमी के दिन अगर इन मंत्रों का जप किया जाए तो आपकी सारी समस्याओँ का अंत हो जाएगा.

अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्
भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!
ओम भयहरणं च भैरव:
ओम कालभैरवाय नम:
ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं
ओम भ्रं कालभैरवाय फट्

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZeeMedia इसकी पुष्टि नहीं करता है).

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