Jaipur News: 4 अप्रैल को एसीबी की ओर से रिवाल्विंग फंड में राशि कब होने की बात कहते हुए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा. इसके बाद गृह विभाग में रिवाल्विंग फंड में राशि जारी करने की आदेश दिए.
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Rajasthan News: राज्य की भजनलाल सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है. यही कारण है कि राज्य सरकार ने एसीबी के रिवाल्विंग फंड में 13 लाख 86 हजार रुपए दिए है. वित्त विभाग की सहमति के बाद गृह विभाग ने राशि एसीबी के खाते में स्थानांतरण के आदेश दे दिए. राज्य सरकार ने पिछले दिनों भ्रष्टाचारियों पर ट्रैप कार्रवाई के दौरान राशि उपलब्ध कराने के लिए रिवाल्विंग फंड गठित किया था. रिवाल्विंग फंड में मौजूद राशि का उपयोग घूसखोरों को पकड़ने के दौरान उपयोग में लिया जाता है. कई बार परिवादी के पास घूस में देने के लिए रकम नहीं होती. इसके अलावा भी घूस की रकम कुछ समय के लिए कोर्ट का फैसला जब्त रहती है. ऐसे में कई बार परिवादी शिकायत करने से बचते हैं. इस समस्या को देखते हुए रिवाल्विंग फंड की स्थापना की गई.
बजट प्रावधान की एक तिहाई राशि खाते में
पिछले दिनों एसीबी मुख्यालय ने रिवाल्विंग फंड में राशि कब होने की बात कहते हुए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा. एसीबी की ओर से 4 अप्रैल को प्रस्ताव भेजा. इसके बाद गृह विभाग में रिवाल्विंग फंड में राशि जारी करने की आदेश दिए. वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिवॉल्विंग फण्ड के संचालन के लिए 41.60 लाख रुपए का बजट प्रावधान किया गया. वित्त विभाग ने एक तिहाई राशि अर्थात 13 लाख 86 हजार रुपए ट्रांसफर करने पर सहमति दी. इसके बाद गृह विभाग से 29 अप्रैल को 13, लाख 8664 रुपए एसीबी के रिवाल्विंग फंड में ट्रांसफर करने के आदेश दिए.
स्वीकृति के साथ गृह विभाग ने शर्तें भी लगाई
रिवाल्विंग फंड में स्वीकृत राशि का खर्च पारदर्शिता के साथ नियम और निर्देशानुसार निर्धारित प्रक्रिया की पालना करनी जरूरी होगी. खाते से राशि निर्दिष्ट प्रयोजन के लिए ही निकाली जाएगी. बैंक खाते में हस्तांतरण या अन्य प्रकार से विनियोजित करने के लिए निजी निक्षेप खाते से आहरण नहीं किया जाएगा. खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र निर्धारित प्रपत्र में निर्धारित अवधि में नियमानुसार महालेखाकार स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग को पेश किया जाएगा. निजी निक्षेप खाते में हस्तांतरित राशि का व्यय चालू वित्तीय वर्ष में ही किया जाए. अनुपयोगी राशि यदि कोई हो तो वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पूर्व राजकोष में जमा करवाई जाए. व्यय के लेखे महालेखाकार एवं राज्य सरकार के निरीक्षण के लिए सदैव खुले रहेंगे.
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