30 साल फरारी के बाद अक्टूबर 2023 में किया था सरेंडर, जनवरी में अजमेर की टाडा कोर्ट ने सुनाई थी सुखदर्शन सिंह को सजा ,SC से मिली अंतरिम जमानत
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30 साल फरारी के बाद अक्टूबर 2023 में किया था सरेंडर, जनवरी में अजमेर की टाडा कोर्ट ने सुनाई थी सुखदर्शन सिंह को सजा ,SC से मिली अंतरिम जमानत

Rajasthan News: जनवरी 1989 को पाकिस्तान बॉर्डर पार करते हुए गिरफ्तार किए गए चार खालिस्तानियों की निशानदेही पर सुखदर्शनसिंह को उसके घर से गिरफ्तार किया गया था. 

30 साल फरारी के बाद अक्टूबर 2023 में किया था सरेंडर, जनवरी में अजमेर की टाडा कोर्ट ने सुनाई थी सुखदर्शन सिंह को सजा ,SC से मिली अंतरिम जमानत

Rajasthan News: खालिस्तानी मूवमेंट के दौरान हथियारों की खरीद फरोख्त करने के मामले में जेल में बद आतंकी सुखदर्शनसिंह ( Sukhdarshan Singh) को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है. सुखदर्शन ने 30 साल की फरारी के बाद अक्टूबर 2023 में ही अजमेर टाडा कोर्ट मे सरेंडर किया था. जनवरी 2024 में अजमेर टाडा कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए खालिस्तान मूवमेंट के लिए घर में हथियार जमा करने के मामले में आरोपी सुखदर्शन सिंह को 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी.

कोर्ट ने आरोपी को टाडा के आरोप से बरी कर दिया था लेकिन आर्म्स एक्ट के मामले में सजा सुनाई थी. कोर्ट द्वारा सुनवाई गयी ​अधिकतम सजा की आधी से ज्यादा सजा भुगतने और 75 वर्ष उम्र के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने तीन माह की अं​तरिम जमानत  सुखदर्शनसिंह कोदी है.

खालिस्तानी मूवमेंड के दौरान गिरफ्तार, 30 साल बाद किया सरेंडर

जनवरी 1989 को पाकिस्तान बॉर्डर पार करते हुए गिरफ्तार किए गए चार खालिस्तानियों की निशानदेही पर सुखदर्शनसिंह को उसके घर से गिरफ्तार किया गया था. सुखदर्शन सिंह के घर पर खुदाई में पुलिस ने हथियारों की बड़ी खेप बरामद की थी. सुखदर्शन सिंह को 10 जनवरी 1989 को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद जमानत के दौरान आरोपी फरार हो गया था.

जनवरी में सुनायी थी सजा

पंजाब के फरीदकोट स्थित खुड़िया गांव के निवासी आरोपी सुखदर्शन सिंह ने 30 साल बाद अक्टूबर 2023 को आत्मसमर्पण किया था. टाडा का मामला होने के कारण अजमेर टाडा कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर फैसला सुनाया.  25 जनवरी 2024 को टाडा कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी सुखदर्शन सिंह को आर्म्स एक्ट के मामले में 7 वर्ष और अन्य धाराओं में 5-5 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी.

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