Jaipur : JNU अस्पताल ने PM केयर फंड के वेंटिलेटर दबाए, SMS हॉस्पिटल की गुहार
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Jaipur : JNU अस्पताल ने PM केयर फंड के वेंटिलेटर दबाए, SMS हॉस्पिटल की गुहार

Jaipur News : कोरोना माहामारी के समय SMS hospital ने JNU अस्पताल को  5 वेंटीलेटर  दिए थे, जिसे कोरोना की पीक खत्म होने के बाद इन 5 वेटिलेंटर्स  को दुबारा मांगा जा रहा लेकिन JNU अस्पताल इस मामले पर चुप्पी साधे बैठा है. 

Jaipur : JNU अस्पताल ने PM केयर फंड के वेंटिलेटर दबाए, SMS हॉस्पिटल की गुहार

Jaipur News : कोरोना महामारी (COVID PANDEMIC) की बुरी यादें जहन में आते ही रोंगटे खड़े कर देती है. कोरोना की लहर जिस समय देश में  कहर बरपा रही थी उस समय सभी राज्यों की मदद के लिए पीएम केयर फंड से मरीजों की जान बचाने के लिए वेंटिलेटर दिये गए थे. राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस को भी  दो साल पहले यानी 2020 में करीब 400 वेंटीलेटर्स  दिए गए थे.

बता दें कि सवाई मानसिंह अस्पताल के कोविड डेडिकेटेड नहीं होने के कारण इन 400 वेंटीलेंटर्स को जरूरत के आधार पर आसपास के निजी अस्पतालों में देने के आदेश एनएचएम(NHM) ने जारी किए थे. जिससे की निजी अस्पतालों में बनाए गए कोविड केयर वार्ड में मरीजों की जान बचाने के लिए व्यवस्था सुनिश्चित हो सकें.

एनएचएम के आदेश के बाद जयपुर के नामचीन प्रइवेट अस्पताल जेएनयू को भी 5 वेंटीलेटर सवाई मानसिंह अस्पताल ने दिए थे, जिनकी कीमत करीबन, 25 लाख  बतायी जा रही है. लेकिन करोना की पीक कम होने के बाद एसएमएस अस्पताल के प्रशासन और चिकित्सा विभाग की ओर से जेएनयू अस्पताल को दिए गए इन वेंटीलेटर्स को वापस मांगने के लिए कई सरकारी पत्र,अस्पताल की ओर से कर्मचारी और गाड़ी भी भिजवाई ​गई.  6 से अधिक सरकारी आदेश पत्र जारी भी किए गए. लेकिन  जेएनयू  निजी अस्पताल ने सरकारी आदेशों को नहीं मानते हुए वेंटीलेटर अब तक वापस नहीं लौटाए है. 

28​ सितम्बर 2020 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन के तत्कालीन निदेशक नरेश कुमार ठकराल ने एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य और अधीक्षक को पत्र लिखकर 5 वेंटीलेटर जेएनयू को देने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद जेएनयू के कर्मचारी को यह वेंटीलेटर सुपुर्द किए गए थे. वेंटीलेटर मरीजों की फ्री सेवा के लिए और कोविड 19 के लिए उपयोग नहीं होने के क्रम में फिर से राज्य सरकार को लौटाने का शपथ पत्र लेकर सुपुर्द किए थे. लेकिन कोविड 19 के निजी अस्पतालों में करीब एक साल कोई मरीज नहीं आ रहे है. ऐसे में इन वेंटीलेंटर्स का उपयोग इन निजी अस्पतालों में नहीं हो रहा हैं. इसलिए एनएचएम निदेशक और एसएमएस अस्पताल ने अपने वेंटीलेटर वापस मांग लिए है. लेकिन जेएनयू ने एसएमएस , एनएचएम को वेंटीलेंटर अब तक नहीं लौटाए है.

वेंटीलेटर्स लेने दो बार जा चुके है कर्मचारी 
वेंटीलेटर्स को लेने के लिए सवाई मानसिंह अस्पताल का स्टोर कीपर गाड़ी लेकर जेएनयू दो बार जा चुका है. स्टोर एमओआइसी इंजार्ज ने तीन से अधिक पत्र निजी अस्पताल को लिख दिए. एनएचएम डायरेक्टर ने 3 रिमांडर लैटर भी लिख दिए और कहा कि वेंटीलेटर नहीं लौटाने के मामले को सचिव चिकित्सा और स्वास्थ्य ने गंभीरता से लिया है लेकिन इतने सरकारी आदेशों के बाद भी निजी अस्पताल के प्रशासन ने इन आदेशों को अब तक गंभीरता से नहीं लिया है.

प्रतिदिन करीब 3 से 4 हजार  होता है एक दिन का खर्च
निजी अस्पतालों की अगर बात करें तो अस्पताल में भर्ती मरीज के लिए एक वेंटीलेटर का किराया प्रतिदिन करीब 3 से 4 हजार रूपए लिया जाता हैं. वहीं बेड चार्ज और दवा आदि के जोड़कर चिरंजीवी योजना में करीब 4800 रुपए का भुगतान किया जाता है.

 पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि जब कोरोना संक्रमित मरीजों के निशुल्क इलाज के लिए इन मशीनों को दिया गया था तो एक साल से गंभीर कोविड मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती ही नहीं हो रहे हैं. तो ऐसे में जेएनएयू इन 5 वेंटीलेंटर्स का क्या कर रहा है और अब तक वेंटीलेटर्स जहां से आये उन्हें वापस क्यों नहीं किया गया. 

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