Jaipur news: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी 'ISI' को वीडियो और स्थानीय लोकेशन भेजने के आरोप में बाड़मेर गांवों में रहने वालो दो आरोपियों रतन खान और पारूराम को इंटेलिजेंस ने गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि दोनों सोशल मीडिया को माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में थे.
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Jaipur: अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (इन्टेलीजेन्स) एस. सेंगाथिर ने बताया कि राजस्थान सीआईडी इंटेलिजेंस द्वारा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की ओर से राजस्थान में की जाने वाली जासूसी गतिविधियों की लगातार निगरानी की जाती है. इसी निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि सीमावर्ती क्षेत्र बाडमेर में लंगो की ढाणी, धारवी कलां निवासी रतन खान (52 वर्ष) और चिमाणियों की ढाणी, शोभाला जेतमाल निवासी पारूराम ( 34 वर्ष) को सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से लगातार सम्पर्क में हैं. इस पर सीआईडी इंटेलिजेंस जयपुर की ओर से उक्त व्यक्तियों की गतिविधियों पर लगातार निगरानी शुरू की गई. इन संदिग्धों को जासूसी गतिविधियों में लिप्त पाये जाने पर पूछताछ शुरू की गई.
केन्द्रीय पूछताछ केन्द्र जयपुर पर सभी एजेन्सियों द्वारा पूछताछ करने पर सामने आया कि रतन खान वर्ष 2012 से नियमित रूप से पाकिस्तान में रह रहे अपने रिश्तदारों से मिलने के बहाने पाकिस्तान जाता रहता है. पाकिस्तान प्रवास के दौरान पाकिस्तानी सूचना एजेंसियों के सम्पर्क में रहकर सीमावर्ती क्षेत्रों की गोपनीय सूचनाएं अपने मोबाइल फोन से तैयार कर सोशल मीडिया के माध्यम से भेजने की ट्रेनिंग प्राप्त की थी.
पाकिस्तान में ट्रेनिंग प्राप्त कर भारत आने के बाद पैसे के प्रलोभन में पाक हैंडलर के चाहे जाने पर प्रतिबंधित सीमावर्ती क्षेत्रों की फोटोग्राफ्स / वीडियों, लोकेशन आदि गोपनीय सूचनाएं पाक हैंडलर को अपने मोबाइल फोन से तैयार कर वाट्सएप द्वारा उपलब्ध करवा रहा था और पाकिस्तान के हैंडलर से लगातार सम्पर्क में था.
इसी तरह बोर्डर होमगार्ड में गार्ड मैन के पद पर पदस्थापित पारूराम द्वारा नगाणा कवास ( बाडमेर) स्थित "मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल मे सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते हुए टर्मिनल व उसके आसपास स्थित अन्य प्रतिबंधित क्षेत्रों के फोटोग्राफ्स वीडियो और लोकेशन आदि महत्वपूर्ण, गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी की महिला हैंडलर के सम्पर्क में रहते हुए हनीट्रैप और पैसे के प्रलोभन में आकर अपने मोबाइल फोन से तैयार कर सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध करवा रहा था. इसकी एवज में पारूराम को कई बार पाक हैंडलर द्वारा पैसे का भुगतान भी किया गया.
दोनों ही अभियुक्तों से की गई पूछताछ और तकनीकी अनुसंधान से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर स्थानीय एजेंट के तौर पर कार्य करते हुए बाडमेर के सीमावर्ती क्षेत्र के प्रतिबंधित स्थानों की फोटोग्राफ्स वीडियो, लोकेशन और सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं आदि भेजने व उसके एवज में धनराशि प्राप्त करने की पुष्टि होने पर आरोपियों के विरूद्व शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत अलग-अलग प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया किया गया है. दोनो प्रकरणों में पूछताछ की जा रही है.
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