राजस्थान हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि भर्ती में लिखित परीक्षा और कंप्यूटर परीक्षा के अंकों को जोडकर मेरिट बनाई जाएगी. ऐसे में यह लिखित परीक्षा स्क्रीनिंग परीक्षा मात्र नहीं है। नियमानुसार जहां लिखित परीक्षा के अंक जोडकर मेरिट बनाई जाती है, वहां आरक्षण के प्रावधानों की अनदेखी नहीं की जा सकती.
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Jaipur News : राजस्थान हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से आयोजित कनिष्ठ न्यायिक सहायक भर्ती-2022 में सामान्य वर्ग से अधिक अंक लाने वाले ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों परीक्षा के द्वितीय फेज में शामिल नहीं करने पर रजिस्ट्रार जनरल और परीक्षा रजिस्ट्रार से 19 मई तक जवाब मांगा है.
एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने ये आदेश महिपाल यादव और अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट प्रशासन ने कनिष्ठ न्यायिक सहायक के 1985 पदों के लिए गत वर्ष पांच अगस्त को भर्ती विज्ञापन जारी किया था.
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वहीं लिखित परीक्षा के बाद गत दिनों परिणाम और कट ऑफ जारी की गई. जिसमें सामान्य वर्ग की कट ऑफ 196.34 और ओबीसी वर्ग की कट ऑफ 230.44 अंक रखे गए.
ओबीसी वर्ग के याचिकाकर्ताओं के सामान्य वर्ग से अधिक अंक हैं, लेकिन उनके अंक ओबीसी कट ऑफ में नहीं जा रहे हैं. जिसके चलते उन्हें 26 मई से आयोजित कंप्यूटर परीक्षा में शामिल नहीं किया जा रहा है.
याचिका में कहा गया कि भर्ती में लिखित परीक्षा और कंप्यूटर परीक्षा के अंकों को जोडकर मेरिट बनाई जाएगी. ऐसे में यह लिखित परीक्षा स्क्रीनिंग परीक्षा मात्र नहीं है। नियमानुसार जहां लिखित परीक्षा के अंक जोडकर मेरिट बनाई जाती है, वहां आरक्षण के प्रावधानों की अनदेखी नहीं की जा सकती.
याचिका में ये भी कहा गया कि नियमों के तहत परीक्षा के द्वितीय फेज में पदों के मुकाबले पन्द्रह गुणा अभ्यर्थियों को बुलाने का प्रावधान है, लेकिन हाईकोर्ट प्रशासन ने इस भर्ती में द्वितीय फेज के लिए पांच गुणा अभ्यर्थियों को ही बुलाया है.
वहीं भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों के लिए चालीस पद आरक्षित रखे गए थे. इसके बावजूद इनकी कट ऑफ जारी नहीं की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
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