Rajasthan News: राजस्थान में बाघों की संख्या बढ़कर 136 तक पहुंच गई है लेकिन 10 साल में 37 गांव ही विस्थापित हुए हैं. जानिए कितने गांवों का होगा विस्थापन?
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Rajasthan News: वन विभाग में टाइगर रिजर्व को बढ़ाने के लिए गांवों के विस्थापन में लगातार देरी हो रही है. बाघों की संख्या बढ़ने से कभी टेरिटरी के लिए जंग तो कभी जंगल छोड़ आबादी वाले इलाकों तक टाइगर पहुंच रहे है.
राजस्थान में बाघों की बढ़ती संख्या |
लेकिन टाइगर रिजर्व एरिया में गांवों का विस्थापन कब...? |
क्यों गांवों को शिफ्ट करने में वक्त लग रहा? |
क्या विस्थापन ना होने से बाघ आबादी वाले इलाकों तक पहुंच रहे? |
राजस्थान में 5 में से सरिस्का और रणथम्भौर ऐसा रिजर्व है,जहां बाघों की संख्या सबसे अधिक है. दोनों टाइगर रिजर्व में संख्या में तेजी से बढ़ती जा रही है. लेकिन बाघों को उनके मुताबिक पर्याप्त जंगल नहीं मिल रहे...?
विभाग द्वारा गांवों के विस्थापन में लगातार देरी हो रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक 10 साल से विस्थापन के कार्य में 111 में से अब तक सिर्फ 37 गांव शिफ्ट हो पाए है. पांचों टाइगर रिजर्व एरिया में 15,000 परिवारों को विस्थापन करना है. समय पर विस्थापन नहीं होने से बाघ लगातार आबादी एरिया में पहुंच रहे हैं. वन मंत्री संजय शर्मा का कहना है कि जल्द ही विस्थापन का कार्य फिर से शुरू होगा. किसी भी परिवार को निराश नहीं किया जाएगा.
टाइगर रिजर्व | बाघों की संख्या | कितने गांव विस्थापित होंगे |
सरिस्का | 43 | 29 गांव |
रणथम्भौर | 75 | 17 गांव |
मुकंदरा हिल्स | 2 | 9 गांव |
करौली-धौलपुर | 10 | 43 गांव |
रामगढ़ विषधारी | 7 | 8 गांव |
कब विस्थापन का काम पूरा होगा?
2004 में एक समय ऐसा भी आया था,जब सरिस्का बाघ विहीन हो गया था.जिसके बाद 2005 में बाघ पुनर्वास योजना लाई गई .जिसके बाद सरिस्का के साथ-साथ राजस्थान में बाघों की संख्या अब 136 तक पहुंच गई है. बाघों से इंसानों को सबसे ज्यादा खतरा सरिस्का के 4 और रणथंभौर के 9 गांवों को माना जाता है. समय समय पर इन्हीं गांवों के लोगों पर बाघों ने हमला किया,लेकिन सवाल यही कि कब तक जंगल छोड़कर बाघ आबादी तक पहुंचते रहेंगे और कब तक गांवों के विस्थापन का काम पूरा होगा?
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