जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में होगा जलयात्रा उत्सव, शहर के मंदिरों में सजेंगी ठाकुरजी की जलविहार झांकियां
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जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में होगा जलयात्रा उत्सव, शहर के मंदिरों में सजेंगी ठाकुरजी की जलविहार झांकियां

Jaipur news:  जयपुर में 5 मई से आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में जलयात्रा उत्सव की शुरूआत होगी. पहली जलयात्रा झांकी 5 मई को दोपहर 12.30 बजे शुरू होगी जो 12.45 बजे तक रहेगी. इसमें ठाकुरजी के चारों तरफ रिमझिम फव्वारे लगाए जाएंगे और फल अर्पित होंगे. 

 

जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में होगा जलयात्रा उत्सव, शहर के मंदिरों में सजेंगी ठाकुरजी की जलविहार झांकियां

Jaipur: भीषण गर्मी को देखते हुए ही आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में 5 मई से जलयात्रा उत्सव की शुरूआत होगी. पहली जलयात्रा झांकी 5 मई को दोपहर 12.30 बजे शुरू होगी जो 12.45 बजे तक रहेगी. इसमें ठाकुरजी के चारों तरफ रिमझिम फव्वारे लगाए जाएंगे और फल अर्पित होंगे. ज्येष्ठ मास 6 जून से शुरू हो रहा है, इसके साथ ही शहर के मंदिरों में जलविहार झांकी सजेगी.ठाकुरजी को जलविहार कराया जाएगा.शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में वैशाख पूर्णिमा पर 5 मई से ठाकुरजी रियासतकालीन चांदी के फव्वारे के बीच जलविहार करेंगे. 

वहीं शहर के राधा गोपीनाथजी, राधा दामोदरजी, आनंदकृष्ण बिहारीजी सहित अन्य मंदिरों में भी ठाकुरजी को जलविहार कराया जाएगा. गोविंदेदवजीम मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुरजी के जलयात्रा उत्सव 5 मई से 4 जून को ज्येष्ठाभिषेक तक चलेगा.राजभोग झांकी के बाद दोपहर 12.30 बजे से 12.45 बजे तक ठाकुरजी को जलयात्रा करवाई जाएगी. जलयात्रा उत्सव के दौरान ठाकुरजी को रियासतकालीन चांदी के फव्वारे के बीच करीब 15 मिनट तक जलविहार कराया जाएगा. झांकी के दौरान सुगंधित जल की धारा प्रवाहित की जाएगी.

वहीं ठाकुरजी को झीनी सफेद धोती और दुपट्टा धारण करवाया जाएगा. ज्येष्ठ माह की दोनों एकादशी पर गोविंददेवजी को शाम के समय जलविहार कराया जाएगा. 15 मई को अपरा एकादशी और 31 मई को निर्जला एकादशी पर ठाकुरजी को शाम 5 बजे से 5.30 बजे तक जलविहार कराया जाएगा. वहीं 4 जून को ज्येष्ठाभिषेक पर दोपहर 12.30 से 1बजे तक जलविहार करवाया जाएगा.महोत्सव के तहत भगवान को गर्भ गृह में विशेष तिथियों और पर्वों पर फव्वारों से चंदन, केवड़ा व गुलाब जल युक्त ठंडे सुगंधित जल से शीतलता प्रदान की जाएगी.इसके साथ ही शीतलता प्रदान करने वाले ऋतु पुष्पों से शृंगार कर शीतल ऋतु फल आम, खरबूजा, तरबूज, खस व गुलाब का शरबत, मुरब्बे आदि ठाकुरजी को अर्पण किए जाएंगे.

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