Jaipur News: जवाहर कला केंद्र के स्थापना दिवस समारोह के अंतर्गत अलंकार दीर्घा में केंद्र की दृश्ययात्रा का आयोजन किया. स्फटिक दीर्घा में, केंद्र के कला संग्रह की उपलब्धियों का प्रदर्शन किया गया.
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Jaipur News: जवाहर कला केंद्र के स्थापना दिवस समारोह के अंतर्गत अलंकार दीर्घा में केंद्र की दृश्ययात्रा का आयोजन किया. वहां, तस्वीरों के माध्यम से केंद्र का परिचय दिया गया.साथ ही, एचिंग प्रिंट भी प्रदर्शित किए गए. स्फटिक दीर्घा में, केंद्र के कला संग्रह की उपलब्धियों का प्रदर्शन किया गया. अलंकार कला दीर्घा में 150 से अधिक फोटोग्राफिक प्रदर्शनी है.इस उपलब्धि को तत्कालीन राष्ट्रपति पं. शंकर दयाल शर्मा के द्वारा केन्द्र के उद्घाटन समारोह में विशेष संदर्भ में प्रस्तुत किया गया.
जवाहर कला केंद्र में लगी प्रदर्शनी में विभिन्न कला शैलियों के साथ-साथ अलग-अलग प्रांतों की सांस्कृतिक धरोहर का सौंदर्य देखे जा सकते है.जवाहर कला केंद्र की अतिरिक्त निदेशक, प्रियंका जोधावत, ने बताया कि, केंद्र ने लोकरंग, बसंत पर्व, राजस्थान साहित्य उत्सव, वागेश्वरी समारोह जैसे उत्सवों की यादों को यहां संजोया है.
राजस्थान विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में, 2 से 8 अप्रैल तक एचिंग प्रिंट वर्कशॉप का आयोजन किया गया था, जिसमें 90 प्रतिभागी शामिल हुए.उनके जरिए तैयार किए गए 50 से अधिक प्रिंट्स भी अलंकार कला दीर्घा में प्रदर्शित किए गए हैं.इन प्रिंट्स में, ग्रामीण संस्कृति, प्राचीन स्थापत्य कला, जेकेके के आर्किटेक्चर, और प्राकृतिक सौंदर्य को चित्रित किया गया है.
स्फटिक दीर्घा में, लगे कला संग्रह प्रदर्शनी दर्शकों को प्राचीन कला से रूबरू करवा रही है.यहां 50 कलाकृतियां और 40 से अधिक पेंटिंग्स प्रदर्शित हैं.लोहे से बनी कलाकृतियां आदिवासी संस्कृति को उजागर करती हैं.केंद्र की ओर से प्रकाशित "ट्रिस्ट विद ट्रेडिशन" नामक किताब के प्रकाशन से यहां के कला संग्रह के साथ-साथ प्राचीन हस्तशिल्प के बारे में भी जानकारी मिलती है.
मेटल वर्क, क्ले वर्क, और वुड वर्क से जुड़ी कलाएं भी प्रदर्शित हैं.इसके अलावा, मोलेला पॉटरी के उत्पाद और लकड़ी की कावड़ भी देखी जा सकती है.आर्ट कैंप में तैयार पेंटिंग्स और लघु चित्रण भी प्रदर्शित हो रहे हैं, जो राजस्थानी संस्कृति को दिखाते हैं.
इस प्रदर्शनी के माध्यम से, दर्शकों को बरसों पुरानी कला और ग्रामीण संस्कृति का अनुभव हो रहा है.यहां प्रदर्शित होने वाले ग्रामीण आइटम्स की महत्ता की सराहना हर कोई कर रहा है, जो दर्शकों को विचारशील बनाने में सहायक हैं.