Rajasthan News: ठेकेदार की काम में चोरी या लापरवाही को पकड़ने के लिए नगर निगम ने उठाया बड़ा कदम, अब नहीं हो पाएगा घपला!
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Rajasthan News: ठेकेदार की काम में चोरी या लापरवाही को पकड़ने के लिए नगर निगम ने उठाया बड़ा कदम, अब नहीं हो पाएगा घपला!

Rajasthan News: ठेकेदार की काम में चोरी या लापरवाही को पकड़ने के लिए नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है. जिससे घपलों पर रोक लग सकेगी.

Rajasthan News: ठेकेदार की काम में चोरी या लापरवाही को पकड़ने के लिए नगर निगम ने उठाया बड़ा कदम, अब नहीं हो पाएगा घपला!

Rajasthan News: निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर मिल रहीं शिकायतों के बाद नगर निगम ग्रेटर प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. शहर में नगर निगम ग्रेटर के अधीन चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और मेजरमेंट की थर्ड पार्टी जांच होगी.नगर निगम ग्रेटर प्रशासन ने एमएनआईटी से थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन कराने का फैसला लिया है.

सडकें बनी नहीं लेकिन भुगतान हो जाता हैं....टाइल्स लगी नहीं भुगतान की फाइल दौड़ जाती हैं. सड़क दस किलोमीटर की बनानी है लेकिन पांच किलोमीटर सड़क बनाकर भुगतान की फाइल दौड़ा दी जाती है. कुछ निर्माण कार्य ऐसे होते है जो मियाद से पहले ही टूट जाते हैं. इस तरह की शिकायतों के बाद नगर निगम ग्रेटर आयुक्त रूक्मणि रियाड ने निर्माण कार्यों का थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन का फैसला लिया हैं. जयपुर नगर निगम ग्रेटर एरिया में पिछले दिनों ठेकेदारों ने जिन सड़कों, फुटपाथ, रोड लाइट के निर्माण, रिपेयरिंग का काम किया है उनकी मौके पर जांच शुरू करवा दी गई है.

नगर निगम ग्रेटर की कमिश्नर रूकमणि रियाड़ ने एक पत्र एमएनआईटी (मालवीय राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान) जयपुर को जारी कर शहर में पिछले कुछ माह में हुए 9 कार्यों की जांच करके उसकी रिपोर्ट देने के लिए कहा है.

इस जांच में सड़कों, फुटपाथ की क्वालिटी के अलावा उसके मेजरमेंट की भी जांच की जाएगी. जिसमें देखा जाएगा कि जो वर्कऑर्डर नगर निगम ने ठेकेदार को दिया था उसके अनुरूप काम हुआ है या नहीं?.सड़कों के अलावा अन्य निर्माण कार्यों की क्वालिटी को बनाए रखने के लिए निगम प्रशासन ने थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन करवाने का निर्णय किया है. इसके लिए बकायदा एमएनआईटी जयपुर को 5.31 लाख रुपए का वर्क ऑर्डर जारी किया है. निगम कमिश्नर को पिछले कुछ दिनों से वर्क ऑर्डर के अनुरूप निर्माण कार्य नहीं होने शिकायतें मिल रही थी. इसी को देखते हुए कमिश्नर से मालवीय राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान (MNIT) जयपुर से सड़कों का थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन करवाने का निर्णय किया.

इन निर्माण कार्य की थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन

- जगतपुरा जोन में वार्ड नंबर 118 में स्थित सेक्टर 18 प्रताप नगर के ब्लॉक संख्या 185 में बनाई सीसी सड़क.

- मानसरोवर जोन में वार्ड नंबर 70 के मध्यम मार्ग पर वरूण पथ चौराहे से स्वर्ण पथ चौराहे तक नाले की मरम्मत और उसके कवरिंग के लिए करवाए गए काम और जोन-31 में गलियों की मरम्मत के लिए करवाए गए कार्य.

- वार्ड नंबर 52, 54, 55 और 57 एआरसी के तहत किए गए कार्य.

- झोटवाड़ा, मुरलीपुरा, विद्याधर नगर, मानसरोवर जोन एरिया में टूटे हुए पोल की जगह लगाए नए पोल, नए फीडर पिलर पैनल की एसेसरीज को बदलने का काम.

- मानसरोवर जोन के वार्ड नंबर 12 में किए गए बी.टी. सड़क का काम.

- विद्याधर नगर जोन के वार्ड नंबर 23, 24 के तहत किए गए इंटरलॉकिंग टाइल्स और सड़क का काम.

- वार्ड नंबर 16, 17, 18 की विभिन्न कॉलोनियों में किए गए फुटपाथ टाइल्स और डामर की सड़क का काम.

- वार्ड नंबर 58, 61 और 62 में किए गए विकास के कार्य.

- वार्ड नंबर 69 में के.एल. सैनी स्टेडियम के अंडर पाथ-वे का मरम्मत का काम.

नगर निगम ग्रेटर अतिरिक्त आयुक्त सीमा कुमार ने बताया कि निगम ग्रेटर में होने वाले निर्माण कार्यों, फुटपाथ टाइल्स लगाने, सड़कों की जांच शुरू करने का सिस्टम बनाया है.एमएनआईटी विकास कार्य की क्वालिटी की जांच करेगी और रिपोर्ट निगम कमिश्नर को देगी. इनकी रिपोर्ट पर निगम संबंधित विकास कार्यों और कांट्रेक्टर पर एक्शन लेगा. उसकी जांच के दौरान लिए गए सैंपल की यदि प्रयोगशाला में रिपोर्ट सहीं नहीं आती है कोई कमी पाई जाती है तो ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है.ऐसे में जिस भी विकास कार्य के थर्ड पार्टी सैंपल लेगी तो उस सैंपल की रिपोर्ट आने बाद ही ठेकेदार को भुगतान किया जाएगा.

सीमा कुमार ने बताया कि निगम की ओर से होने वाले कार्यों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया हैं. ऐसे में जो विकास कार्य कराए जाने हैं वे सभी कसौटी पर खरे होने चाहिए.विकास कार्यों में गुणवत्ता का होना अति आवश्यक है.

बहरहाल, शहर में चल रहे विकास कार्यां में सबसे ज्यादा शिकायतें मिलती रही हैं. सड़कें उनकी मियाद से पहले टूट जाती हैं या फिर कागजों में तो सडकें, फुटपाथ, टाइल्स लग जाती हैं और बिना काम हुए ही भुगतान की फाइलें दौड़ने लगती हैं अब इस तरफ के गुणवत्ता से समझौता करने वाले ठेकेदारों पर नकेल कसने के लिए ही इस दिशा में कदम बढ़ाया गया है.

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