आज दिवाली फेस्टिवल पर सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा नजर आई. भीड़ को देखते हुए स्वयंसेवकों ने व्यवस्थाओं को संभाले रखा. उधर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी अपने जन्मदिन पर आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में धूप झांकी में सपत्नीक दर्शन किए.
Trending Photos
Jaipur: देशदर्शन के साथ जयपुराइट्स ने दिवाली पर्व की शुरूआत की है. दिवाली पर आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ा. सुबह से ही मंदिर में आराध्य के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई. वैसे तो प्रतिदिन आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में प्रत्येक झांकी में आस्था उमड़ती हैं. लेकिन आज दिवाली फेस्टिवल पर सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा नजर आई. भीड़ को देखते हुए स्वयंसेवकों ने व्यवस्थाओं को संभाले रखा. उधर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी अपने जन्मदिन पर आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में धूप झांकी में सपत्नीक दर्शन किए. इस अवसर पर जिला प्रमुख रमादेवी चौपडा, पूर्व मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर सहित भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे. इसी तरह चांदी की टकसाल स्थित महालक्ष्मी मंदिर, चौडा रास्ता स्थित ताडकेश्व महादेव मंदिर में भी आस्था का सैलाब देखने को मिला.
दीपोत्सव के अवसर पर छोटी काशी में लोगों ने आराध्य देव के दर्शन कर दिन की शुरुआत की. इस दौरान गोविन्द देवजी मंदिर, चांदपोल स्थित प्राचीन रामचंद्र जी मंदिर, हनुमान मंदिर व ताडक़ेश्वर मंदिर सहित अन्य देवालयों में श्रद्धालुओं ने शीश नवाया और भगवान से सुख-समृद्धि की कामना की. परकोटा क्षेत्र में चांदपोल बाजार में स्थित प्राचीन रामचंद्र जी मंदिर में दर्शनों के लिए सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा. रामदरबार के दर्शनों का यह सिलसिला शाम तक चला. वहीं माता महालक्ष्मी की आराधना और अगवानी का पर्व दीपोत्सव पिंकसिटी में मनाया जा रहा हैं.
इस दौरान झिलमिलाते दीयों की रोशनी से जहां अमावस की रात में जगमगम उजास होगा तो आतिशबाजी के बीच धन-धान्य की देवी मां लक्ष्मी का स्वर्णिम स्वागत होगा। साथ ही धनलक्ष्मी के साथ घर में सुख-समृद्धि का आगमन हो इसके लिए अष्ट लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा. ज्योतिषियों के मुताबिक घर में हर दिशा से लक्ष्मी जी के प्रवेश के लिए आठ दिशाओं में मां के आठ स्वरूपों आद्य, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग, योग लक्ष्मी की आराधना की जाएगी.
यह भी पढ़ें- राजस्थान का ऐसा गांव जहां दिवाली पर श्मशान घाट में होती है पूजा, 400 साल पुराना है ये रहस्य, जानें क्या है पूरी कहानी