Indian Law: अगर आप पब्लिक प्लेस या ऑफिस में अपनी महिला सहकर्मी या फिर लड़की को लगातार घूरते हैं. तो ये भारतीय दंड संहिता ( IPC ) के तहत अपराध की श्रेणी में आता है. IPC की धारा 294 और 509 में इसका स्पष्ट उल्लेख भी किया गया है. अगर इसके बावजूद कोई बाज नहीं आता, तो उसे जेल भी जाना पड़ सकता है.
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Indian Law: क्या आप जानते हैं कि किसी युवती या महिला को 14 सेकेंड से ज्यादा घूरना अपराध माना जाता है. जहां आप काम करते हैं जाने-अंजाने, मजाक में ही सही, आप महिला मित्र और महिला सहकर्मी से ऐसी हरकतें कर बैठते हैं, जो भारतीय दंड संहिता ( Indian Penal Code ) की धारा 294 और 509 के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आती हैं. ऐसे सभी मामले ईव टीजिंग ( eve teasing ) यानी कि छेड़छाड़ के अंतर्गत आते हैं. अब 14 सेकंड तक लड़कियों को निहारना भी अपराध माना गया है. सार्वजनिक और निजी जीवन में अक्सर लड़कों का लड़कियों को घूरना या पीछा करना सामान्य घटना है. यह कानून केरल में तो वर्ष 2016 में लागू हो चुका है. जहां इसके तहत किसी लड़की को 14 सेकेंड से अधिक देर तक घूरना अपराध है.
IPC के अंतर्गत दिया जाता है दंड
भारतीय कानून में ईव-टी जिंग (महिलाओं से छेड़छाड़) शब्द का प्रयोग नहीं हुआ है. पीड़ितों के द्वारा भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 294 (ए) और (बी) का आश्रय लिया जाता है, जो युवती या फिर महिला के प्रति अश्लील इशारों, टिप्पणी, गाने या फिर कविता पढ़कर के अपराध में दोषी पाए गए व्यक्ति को अधिकतम तीन माह तक की सजा देती है. आइपीसी की धारा के अधीन महिला या युवती के प्रति अश्लील हरकत, अभद्र इशारे या टिप्पणियां करने वालों पर एक साल के कड़े कारावास की सजा या जुर्माना या फिर दोनों लगाए जा सकते हैं.
पहली बार दोषी हुए तो ये होगी सजा
भारतीय दंड संहिता ( IPC ) की धारा 292 साफ परिभाषित करती है कि महिला या फिर युवती को अश्लील साहित्य, अश्लील तस्वीरें, किताबें या फिर पर्चियां दिखाने वाला पहली बार दोषी पाए गए व्यक्ति को दो सालों के लिए सश्रम जेल की सजा देते हुए, 2000 का जुर्माना वसूला जाए. और अपराध दोहराने पर, जब प्रमाणित हो, तब अपराधी को पांच साल के लिए कारावास सहित 5000 का जुर्माना लगाया जाएगा.