PTI भर्ती-2022 में विवादों की जांच ना कराने पर हाईकोर्ट ने विभागों से मांगा जवाब
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PTI भर्ती-2022 में विवादों की जांच ना कराने पर हाईकोर्ट ने विभागों से मांगा जवाब

Jaipur News: राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश ना माने पर अदालत ने नाराजगी जताई है. बताया जा रहा है कि कोर्ट ने पीटीआई भर्ती-2022 के विवादित प्रश्न-उत्तरों की जांच के लिए आदेश दिए थे जिसे शिक्षा विभाग और कर्मचारी चयन आयोग ने लागू नहीं किया.

 

PTI भर्ती-2022 में विवादों की जांच ना कराने पर हाईकोर्ट ने विभागों से मांगा जवाब

Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती-2022 के विवादित प्रश्न-उत्तरों की जांच अदालती आदेश के बावजूद विशेषज्ञ कमेटी से नहीं कराने पर शिक्षा विभाग और कर्मचारी चयन आयोग से जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश मोनिका कुमारी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने पीटीआई के 5546 पदों के लिए 16 जून, 2022 को भर्ती निकाली थी. जिसकी लिखित परीक्षा 25 सितंबर को आयोजित की गई. बोर्ड की ओर से मॉडल उत्तर कुंजी पर आपत्तियां मांगकर बाद में अंतिम उत्तर कुंजी जारी कर दी. जिसमें कुछ प्रश्नों के उत्तर गलत माने और कुछ प्रश्नों को डिलीट किया गया. 

उत्तर कुंजी को चुनौती देकर दायर की थी याचिका

इस पर उत्तर कुंजी को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में दर्जनों याचिकाएं पेश की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गत 19 अप्रैल को आदेश जारी कर कर्मचारी चयन बोर्ड को विवादित प्रश्नों की जांच के लिए विशेषज्ञ कमेटी गठित करने को कहा. 

पुन: परिणाम भी जारी करने के दिए निर्देश 

वहीं कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पुन: परिणाम भी जारी करने के निर्देश दिए गए. याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के बावजूद भी चयन बोर्ड ने इन प्रश्नों की जांच विशेषज्ञ कमेटी से नहीं कराई और पुराने परिणाम को ही वापस जारी कर दिया. याचिका में कहा गया कि ओबीसी महिला की कट ऑफ 184 गई है, जबकि उसके खेल कोटे के अंकों सहित कुल 224 अंक आए हैं. 

ज्यादा अंक होने पर भी नहीं हुआ चयन

लिखित परीक्षा के एक प्रश्न पत्र में तय न्यूनतम अंक से एक अंक कम होने के चलते उसका चयन नहीं हुआ है. याचिकाकर्ता की ओर से परीक्षा में हल किए गए सवालों में से बोर्ड ने तीन सवालों को डिलीट किया है, लेकिन न तो उसके बोनस अंक दिए गए और ना ही इन सवालों के अंकों का वेटेज अन्य प्रश्नों पर डाला गया. 

ऐसे में इन तीन सवालों को हल नहीं करने या गलत हल करने वाले अभ्यर्थियों को इसका फायदा मिल गया. यदि डिलीट किए इन प्रश्नों के बोनस अंक दिए जाए या अन्य सवालों पर वेटेज दिया जाए तो याचिकाकर्ता नियुक्ति के पात्र हो जाती है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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