10 हजार रुपए में जूता भी नहीं मिलता लड़की कहां से मिलेगी- अशोक चांदना
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10 हजार रुपए में जूता भी नहीं मिलता लड़की कहां से मिलेगी- अशोक चांदना

अक्सर अपने बयानों के चलते चर्चा में रहने वाले खेल मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) ने इस बार हद कर दी. राजस्थान(Rajasthan ) में लड़कियों की बिक्री के मामले पर पूछने पर मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि 10 हजार रुपए में तो जूता भी नहीं मिलता है.

10 हजार रुपए में जूता भी नहीं मिलता लड़की कहां से मिलेगी- अशोक चांदना

Ashok Chandna News : राजस्थान में लड़कियों की बिक्री का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. दलालों का शिकार हुई लड़कियों के बारें में परिवार की बहु-बेटियां रिपोर्ट दर्ज करा चुकी है. मामले को लेकर महिला आयोग और जांच एंजेंसियां भी सक्रिय है. लेकिन इस बीच राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना का बयान शर्मिंदा करने वाला है.

मामले को लेकर जब खेल मंत्री अशोक चांदना से पूछा गया तो चांदना ने कहा कि किस दुनिया में जीते हो, 10 हजार रुपए में तो जूता भी नहीं मिलता, लड़की कहां से मिलेगी ? राज्य सरकार में मंत्री के पद को सुशोभित कर रहे मंत्री अशोक चांदना का ये बयान शर्मिंदा करने वाला है. मंत्री महोदय यहीं नहीं रुके और कहा कि खरीद फरोख्त का कोई मामला सामने नहीं आया है अगर आएगा तो कार्रवाई की जाएगी.

क्या है पूरा मामला
चार नवंबर को भीलवाड़ा जिले की दो महिलाएं कलेक्टर आशीष मोदी के पास पहुंची थी. एक महिला ने अपनी शिकायत के कहा था कि उसके ससुर और पति ने कर्ज चुकाने के लिए दो ननदों को दलालों को बेच दिया. ये दलाल लड़कियों से देह व्यापार कराने का काम करते हैं.

पीड़िता ने बताया कि उसकी 7 और 8 साल की दो ननदों का 3.5 लाख रुपये में सौदा हुआ था. इसी तहर कलेक्टर के पास पहुंची दूसरी महिला ने कहा कि उसके पति ने आठ साल की बेटी को दस साल पहले दलालों को बेच दिया. उसके बाद से वो कभी अपनी बेटी से नहीं मिल पाई हैं.

महिलाओं ने कलेक्टर आशीष मोदी को चार दलालों के नाम भी दिए थे. जिसके बाद कलेक्टर के आदेश पर मांडलगढ़ थाना पुलिस ने बच्चियों को खरीदने वाले दलाल मुकेश और उसकी पत्नी गायत्री, सरिना पत्नी गोपाल और कमला पत्नी रूपा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था.

आपको बता दें कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी इस मामले को लेकर गंभीरता दिखायी थी और कहा था कि राजस्थान में बच्चियों से सेक्स वर्कर का काम कराया जा रहा है और यहां एक बहुत बड़ा रैकेट काम कर रहा है. केंद्र सरकार इसकी जांच के लिए जांच के लिए कोई कमेटी या एसआईटी बनाए. जिससे पता चल सके कि यह बच्चियां कौन-कौन से प्रदेश से यहां लाईं जा रही है और कहां भेजी जा रही हैं.

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