जयपुर में बंगाली समाज द्वारा तैयार किए गए पंडाल में दुर्गा पूजन महोत्सव शुरू, 50 फीट से ऊंचा बनाया गया पंडाल
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1925295

जयपुर में बंगाली समाज द्वारा तैयार किए गए पंडाल में दुर्गा पूजन महोत्सव शुरू, 50 फीट से ऊंचा बनाया गया पंडाल

Shardiya Navratri 2023: राजस्थान प्रदेश में शारदीय नवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाई जा रहे हैं. एक और जहां जयपुर शहर के प्रमुख मंदिरों में पूजा अर्चना की जा रही है. वहीं आज से बंगाली समाज द्वारा तैयार किए गए पंडाल में भी दुर्गा पूजन महोत्सव शुरू हुआ. 

जयपुर में बंगाली समाज द्वारा तैयार किए गए पंडाल में दुर्गा पूजन महोत्सव शुरू,  50 फीट से ऊंचा बनाया गया पंडाल

Shardiya Navratri: राजस्थान प्रदेश में शारदीय नवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाई जा रहे हैं. एक और जहां जयपुर शहर के प्रमुख मंदिरों में पूजा अर्चना की जा रही है. वहीं आज से बंगाली समाज द्वारा तैयार किए गए पंडाल में भी दुर्गा पूजन महोत्सव शुरू हुआ. जयपुर शहर में इस बार पिछले साल की तुलना में बंगाली समाज द्वारा अधिक पंडाल बनाए जा रहे हैं. बनीपार्क स्थित दुर्गाबाड़ी पंडाल मैं आज सुबह मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई इसके बाद समाज द्वारा महा आरती का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के बंधुओं ने भाग लिया. 

इसी के साथ दुर्गा पूजा महोत्सव की शुरुआत की गई. अष्टमी नवमी और दशमी को मां आरती पूजा का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद पुष्पांजलि और भोग आयोजित होगा. दशहरा वाले दिन शुभ है सिंदूर खेला का आयोजन होगा मां दुर्गा को सिंदूर बेहद पसंद है, जिसके चलते सभी महिलाएं सच-सच करके एक दूसरे के सिंदूर लगाकर माता को विदा करती है. दोपहर बाद बंगाली परंपरा के अनुसार मां दुर्गा का नेवटा बांध में विसर्जन किया जाएगा. के साथ बंगाली समाज दुर्गा पूजा की संयोजक ने बताया इस बार पंडाल को बंगाली थीम पर बनाया गया. 

यह भी पढ़े- Lal Diary को लेकर फिर से बोल राजेंद्र गुढ़ा, ईडी को सौंपेंगे लाल डायरी!

इसका निर्माण भी बंगाल से आए कारीगर द्वारा किया गया. पिछले 70 साल से दुर्गाबाड़ी में मां दुर्गा की पूजा अर्चना लगातार की जा रही है. इस बार हर बार की तरह इस बार भी दुर्गाबाड़ी का पंडाल खास है. इस बार दुर्गाबाड़ी में आने वाले श्रद्धालुओं को बंगाल के मंदिर की तर्ज पर मां दुर्गा के दर्शन करवाए जा रहे है. मां दुर्गा पंडाल का मुख्य द्वार 50 फीट से ऊंचा बनाया गया है.

 इसी के साथ इसकी लंबाई भी 60 फीट रखी गई है. जिससे आने और जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरीके की कोई परेशानी नहीं हो. मुख्य गेट से प्रवेश करते ही बंगाल के मंदिरों की तर्ज पर कॉरिडोर का निर्माण करवाया गया है. यह कॉरिडोर भी पूरी तरीके से बंगाल के मंदिरों की कलाकृतियों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है.

यह भी पढ़े- झोटवाड़ा में राज्यवर्धन राठौड़ का खेल बिगाड़ेंगे राजपाल शेखावत! ये है नए सियासी समीकरण

Trending news