राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ अभियंता भर्ती-2013 में कम वरीयता वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के मामले में पेश याचिका में चार साल से जवाब पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई है.
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Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ अभियंता भर्ती-2013 में कम वरीयता वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के मामले में पेश याचिका में चार साल से जवाब पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने डीएलबी निदेशक को 16 सितंबर को पेश होकर यह स्पष्टीकरण देने को कहा है कि इतने लंबे समय तक मामले में जवाब पेश क्यों नहीं किया गया. अदालत ने कहा है कि यदि इस दौरान विभाग की ओर से जवाब पेश कर दिया जाता है, तो निदेशक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने इस आदेश की कॉपी डीएलबी निदेशक को भी भेजी है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश संजय कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा गया. वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि मामले में वर्ष 2018 में याचिका पेश की गई थी, लेकिन विभाग ने अब तक अपना जवाब ही पेश नहीं किया है. वहीं, आज भी विभाग की ओर से एक बार फिर जवाब पेश करने के लिए समय मांगा जा रहा है. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए जवाब पेश नहीं होने पर 16 सितंबर को डीएलबी निदेशक को हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है.
याचिका में अधिवक्ता रमाकांत गौतम ने अदालत को बताया कि भर्ती में याचिकाकर्ता के उच्च अंक थे, लेकिन याचिकाकर्ता को नियुक्ति नहीं दी गई. वहीं, याचिकाकर्ता से कम अंक रखने वाले दो अन्य अभ्यर्थियों को विभाग ने नियुक्ति प्रदान कर दी. जबकि इन दोनों अभ्यर्थियों के अंक कट ऑफ में भी नहीं थे. इसलिए याचिकाकर्ता से कम अंक वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की सूरत में याचिकाकर्ता को भी नियुक्ति दी जाए.
Reporter- Mahesh Pareek
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