Ashok Gehlot on Millets : राजस्थान में मिलेट्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मोटे अनाज के लिए रिसर्च पर ध्यान देना जरूरी है. जबकि कृषि विपणन मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि बाजरे की खिचडी के दिन फिर लौटेंगे.
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Ashok Gehlot on Millets : आज से दो दिन मिलेट्स यानि मोटे अनाज के उपयोग और उत्पादन बढाने को लेकर मंथन शुरू हो गया है, क्योंकि WHO ने दुनियाभर में वर्ष 2023 मिलेट ईयर घोषित किया है. इसी के तहत पूरे देश में मिलेट्स कॉन्क्लेव के लिए राजस्थान को चुना गया. आज से दो दिन तक कृषि विशेषज्ञों,वैज्ञानिको द्धारा मिलेट्स को बढावा देने के लिए चर्चा शुरू हो गए.
राजस्थान के 8 करोड लोगों के लिए गर्व और गौरव की बात है कि मिलेट्स कॉन्क्लेव की मेजबानी हमारा राजस्थान कर रहा है और करना भी चाहिए,क्योकि दुनिया में सबसे ज्यादा मोटे अनाजों का उत्पादन राजस्थान में ही होता है. मिलेट्स कॉन्क्लेव की शुरूआत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की.
इस मौके पर सीएम गहलोत का कहना था कि मुझे ख़ुशी है राजस्थान में मिलेट कॉन्क्लेव हो रहा. पहले हरित क्रांति बनी जिससे किसानों में सन्देश गया. राजस्थान देश का पहला राज्य जहां कृषि बजट अलग से जारी हुआ. कृषि क्षेत्र में और अच्छे प्रयास हो सकते है. मिलेट के क्षेत्र में राजस्थान के लिए ये बड़ा अवसर है. रिसर्च में ध्यान दे तो इस क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे. पहली बार युवाओं में भी इस क्षेत्र में रुझान देखा गया. आने वाले समय में राजस्थान और आगे बढ़ेगा.
Rajasthan Millet Conclave - 2023 https://t.co/NOrzLorENX
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 13, 2023
विधासभा बजट सत्र के बाद देंगे मोटे अनाज का भोज-
मोटे अनाज को बढावा देने के लिए सरकार ने जनप्रतिनिधियों को जोडने की बडी पहल की है. विधानसभा बजट सत्र के बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी विधायकों को विधानसभा सदन में मोटे अनाज का भोज देंगे, ताकि जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र में मोटे अनाज की ताकत को जन जन तक पहुंचा सके. इसलिए कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि एक समय था जब बैल से खेती होती थी, किसानो के लिए सौभाग्य की बात है. आज मोटा अनाज फिर लौटकर आया. दुनिया मोटे अनाज की और आगे बढ़ रही है. बाजरे की ताकत को पुराने लोग जानते है.
मिलेट रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है-
वहीं दूसरी तरफ कृषि विपणन मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि मिलेट से रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती हे. जब हम बीमार होते थे तो बाजरे की खिचड़ी खिलाते थे. बाजरे की खिचड़ी खाने से हम ठीक हो जाते थे. इसलिए एक बार फिर से मोटे अनाज को बढ़ावा मिलना चाहिए.
मिलेट में राजस्थान आगे बढेगा-
दूसरी तरफ मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि 4 साल में राजस्थान में शानदार काम किया. स्वास्थ्य-पोषाहार में अच्छा काम हुआ है. मिलेट में भी राजस्थान को आगे बढ़ना है.राजस्थान इसके लिए लगातार आगे बढ़ेगा. आप कब शामिल करेंगे मोटे अनाज को थाली में? ऐसे में देखना होगा कि बाजरे की रोटी और गर्मागर्म खीचडे की दिन कब लौटेंगे.क्या फिर से आप उसी चाव के साथ ये पोष्टिक आहार को अपने थाली में शामिल करेंगे?
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