Jaipur News: केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम ने राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और 33 में से 27 जिलों के कलेक्टर-एसपी के साथ बैठक कर प्रदेश में चुनाव की तैयारी का बिगुल फूंक दिया है. राजस्थान में इस साल अंत तक विधानसभा चुनावों के लिए मतदान की संभावना है.
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Jaipur: केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम ने राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और 33 में से 27 जिलों के कलेक्टर-एसपी के साथ बैठक कर प्रदेश में चुनाव की तैयारी का बिगुल फूंक दिया है..राजस्थान में इस साल अंत तक विधानसभा चुनावों के लिए मतदान की संभावना है. केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम कल बचे हुए 7 जिलों के अफसरों के साथ मंथन करेगी.आयोग ने जो जानकारियां ली हैं, उनमें मतदाता सूची की अपडेट स्थिति और ईवीएम की जांच-पड़ताल और कानून व्यवस्था भी शामिल है.
केंद्रीय चुनाव आयोग ने ली बैठक
केंद्रीय चुनाव आयोग के वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त धमेन्द्र शर्मा, नितेश व्यास, एनएम बुटोलिया, उप चुनाव आयुक्त अजय भादू ,उप चुनाव आयुक्त मनोज कुमार साहू, निदेशक पंकज श्रीवास्तव, निदेशक संतोष अजमेरा, दीपाली मासिरकर, सचिव अश्विनी कुमार मोहल, नवीन कुमार की टीम ने होटल ललित में सुबह 9.30 बजे से कलेक्टर-एसपी के साथ मंथन किया, जो देर शाम तक चला. बैठक के पहले दिन CEO प्रवीण गुप्ता ने अपनी बात कही.फिर इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा की ब्रीफिंग के साथ बैठक की शुरुआत हुई. राजस्थान में तूफान से संभावित रूप से प्रभावित होने वाले जिलों की समीक्षा बैठक पहले हुई.
इन जिलों के कलेक्टर्स और एसपी प्रजेंटेशन बाद अपने-अपने जिलों के लिए रवाना हो गए. प्रजेंटेशन में खासतौर पर मतदाता सूची तैयार करने 17 वर्ष और उससे ऊपर की आयु के मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ने,ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग को लेकर अपनी बात कही गई.कलेक्टर्स को सही और शुद्ध मतदाता सूची तैयार करने के खास तौर पर ध्यान रखने के निर्देश भी दिए गए.फर्स्ट लेवल चेकिंग के बाद ईवीएम को लेकर जागरुकता अभियान करने, खासतौर पर नए बने वोटर्स पर फोकस करने के निर्देश बैठक में दिए गए.
इस जिलों के कलेक्टरों और एसपी करेंगे डाटा इकट्ठा
बैठक शुरू होते ही राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने अब तक की चुनावी तैयारी से टीम को अवगत कराया. इसके बाद टीम ने जैसलमेर, बाडमेर, जालौर,सिरोही, जोधपुर, पाली , बीकानेर, नागौर, राजसमंद,अजमेर, भीलवाडा और टोंक, चूरू, उदयपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, झुंझुनूं, जयपुर, सीकर, दौसा, अलवर, सवाईमाधोपुर, बूंदी, झालावाड, कोटा, बारां, करौली जिलों के कलेक्टरों और एसपी से एक-एक डेटा इकट्ठा करने शुरू किए.
आयोग की टीम एक फॉरमेट लेकरआई थी, जिनमें वे डेटा फीड करते रहे.कलेक्टर्स ने केंद्रीय टीम को बताया कि उनके जिलों में कितनी विधानसभा सीटें हैं, हर जिले में कितने मतदाता केंद्र हैं और इनमें से कितने संवेदनशील हैं. चुनावों में पोलिंग पार्टियों को ट्रेनिंग देने से लेकर चुनावों के समय खर्चे पर कैसे निगरानी रखी जाएगी इसकी जानकारी भी ली गई.यह भी बताया कि वोटर लिस्ट बनाने का काम कहां तक पहुंचा है.
वोटर लिस्ट का रिवीजन के बारे में ली जानकारी
आयोग ने अफसरों से यह भी पूछा कि वोटर लिस्ट का रिवीजन किस तरीके से किया जा रहा है. आयोग की टीम ने निर्देश दिए कि जब भी ईवीएम की चैकिंग की जाए, सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को वहां बुलाया जाए.इसके बाद मतदान केंद्रों की व्यवस्था पर बात हुई.अफसरों से कहा गया कि वोटिंग के दौरान दिव्यांगों के लिए रैंप, सभी के लिए पीने के पानी और शौचालय का इंतजाम अनिवार्य रूप से होना चाहिए.टीम ने मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 4 अक्टूबर को करने, मतदाताओं की संख्या 1400 से ऊपर होने पर नया मतदान केंद्र, इनकी जगह या भवन परिवर्तन का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं. टीम ने चुनाव में सुरक्षा बलों की उपलब्धता, मतदाता सूची या एपिक की विसंगतियों को दूर करना, वोटरलिस्ट में खराब फोटो के स्थान पर अच्छे फोटो, मतदाता सूची के प्रारंभिक प्रकाशन, दावे आपत्ति व निराकरण की जांच पर भी बात की.
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