भरतपुर कांड: कर्नल राठौड़ कांग्रेस पर बरसे, कहा-सरकार की नाकामी से राजस्थान में फैली अराजकता
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भरतपुर कांड: कर्नल राठौड़ कांग्रेस पर बरसे, कहा-सरकार की नाकामी से राजस्थान में फैली अराजकता

Col Rajyavardhan Singh Rathore angry on Congress: भरतपुर के दो युवकों को जिंदा जलाने से जुड़े आरोपी की पत्नी के साथ राजस्थान पुलिस की बर्बरता के आरोप को लेकर कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. 

भरतपुर कांड: कर्नल राठौड़ कांग्रेस पर बरसे, कहा-सरकार की नाकामी से राजस्थान में फैली अराजकता

Col Rajyavardhan Singh Rathore angry on Congress: भरतपुर के दो युवकों को जिंदा जलाने से जुड़े आरोपी की पत्नी के साथ राजस्थान पुलिस की बर्बरता के आरोप को लेकर कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. भरतपुर के दो युवकों को जिंदा जलाने से जुड़े आरोपी की पत्नी के साथ राजस्थान पुलिस की बर्बरता के आरोप को लेकर कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. कर्नल राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण नीति के कारण राजस्थान पुलिस फोर्स के अंदर ही मानसिकता पैदा हो रही है. अपराधी पकड़ में आए या नहीं लोगों को सजा मिलनी चाहिए.

तुष्टीकरण की मानसिकता के चलते तहकीकात की कोई जरूरत नहीं है, जब एक वर्ग विशेष ने दोषी कह दिया उसके बाद तहकीकात की कोई जरूरत नहीं है. यह कांग्रेस सरकार की मानसिकता है.

कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के क्षेत्र में दिनदहाड़े मर्डर हो रहा है. सरकार की नाकामी की वजह से राजस्थान में अराजकता फैली है. केवल कुर्सी बचाने की योजना चल रही है .प्रदेश की आम जनता मऔर छोटी बच्चियों में दहशत है कि कैसे अपने आप को बचाया जाए इसकी सजा राजस्थान की कांग्रेस सरकार को भुगतनी पड़ेगी.

गौरतलब है कि भरतपुर में दो युवकों नासिर और जुनैद के जिंदा जलाने के मामले में राजस्थान पुलिस ने आरोपी श्रीकांत के घर दबिश के दौरान उसकी गर्भवती पत्नी कमलेश को पीटा था. पुलिस पिटाई के कारण कमलेश का गर्भ गिर गया.

परिजनों ने आरोप लगाया कि मारपीट से गर्भ गिर गया. वहीं एसपी का कहना है कि दबिश दी थी, लेकिन घर के अंदर नहीं घुसे, मारपीट का तो सवाल ही नहीं है. दूसरी ओर विहिप ने आरोप लगाया था कि जांच किए बिना ही पुलिस ने महज आरोप लगाने पर ही गोरक्षा के लिए काम रहे व्यक्ति को आरोपी मान लिया. पुलिस को पहले जांच करनी चाहिए थी उसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचती. विहिप ने पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि सत्ता के दबाव में अवैध कार्रवाई नहीं करें.

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