Balasore train accident: ओडिशा में कोरोमंडल एक्सप्रेस भिड़ंत का शिकार हो गई. देश के इतिहास में पहली बार तीन ट्रेनें एक ही जगह पर भिड़ गईं. इस बड़े रेल हादसे के बाद रेल व्यवस्था को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं.आखिर किसके कार्यकाल में कितनी बार ट्रेन बेपटरी हुई.कितने ट्रेन हादसे हुए ये सबकुछ हम आपको बता रहे हैं. क्योंकि बात 275 रेल पैसेंजर की मौत की है.
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Balasore train accident: ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे के बाद पूरा देश सहम गया है.क्योंकि अब तक इस भीषण खौफनाक रेल हादसे में 275 पैसेंजर्स की मौत हो चुकी है. वहीं, हजारों की संख्या में लोग घायल हैं. रेल हादसों की बात करें तो नीतीश कुमार के कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा 79 ट्रेनों की भिड़ंत हुई. जबकि 1000 ट्रेनें डीरेल हुईं. वहीं 1527 लोगों की मौत हुई हैं.
1159 लोगों कि मौत हुई
वहीं ,ममता बनर्जी के कार्यकाल की बात करें तो जब वो रेल मंत्री थी तब 54 ट्रेनें भिड़ीं, 839 भिड़ंत का शिकार हुई हैं. जबकि 1451 लोगों कि मौत हुई हैं. वहीं यदि लालू यादव के कार्यकाल की बात करें तो इनका कार्यकाल नीतीश और ममता के दौर से काफी बेहतर रहा है. क्योंकि लालू के कार्यकाल में सिर्फ 52 ट्रेनों कि भिड़ंत हुई हैं.
जबकि 550 ट्रेनें डिरेल हुई वहीं 1159 लोगों कि मौत हुई है. यानी लालूके समय ममता और नीतीश से ट्रेनों कि भिड़ंत, डिरेलमेंट की घटनाएं सबसे कम रही हैं. वहीं मौत का आंकड़ा भी कम था.
रेल मंत्री भिड़ंत डिरेलमेंट मौत
ममता बनर्जी 54 839 1451
नीतीश कुमार 79 1000 1527
लालू यादव 52 550 1159
मोदी सरकार के नौ सालों में हादसों में आई है कमी
भारत में रेल हादसों की बात करें तो आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देश में जब से मोदी सरकार आई है रेल हादसों में लगातार कमी दर्ज की गई है. क्योंकि जब केंद्र में 2014 में मोदी सरकार बनी तो उस साल 117 रेल हादसे हुए थें. फिर लगातार देश में रेल हादसों में कमी दर्ज की गई है.
साल रेल हादसे
2014 117
2015 131
2016 106
2017 103
2018 72
2019 59
2020 54
2021 21
2022 35
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