जयपुर: मुहाना मंडी सचिव की अपनों पर मेहरबानी, व्यापार संघ ने दी लिखित शिकायत
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जयपुर: मुहाना मंडी सचिव की अपनों पर मेहरबानी, व्यापार संघ ने दी लिखित शिकायत

Jaipur Muhana Mandi: जयपुर के मुहाना मंडी के सचिव मनोहर लाल गुप्ता के खिलाफ आरोप लग रहे हैं. मंडी यार्ड में 23 कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को भूखंड आवंटित किए गए थे, लेकिन भूखंड आवंटन की शर्तों का उल्लंघन किए जाने के चलते 9 जून 2021 को इनमें से 18 भूखंडों का आवंटन निरस्त किया जा चुका है. रोचक बात यह है कि इनमें से 2 भूखंड मंडी सचिव मनोहरलाल गुप्ता के पुत्र और पत्नी के नाम हैं.

जयपुर: मुहाना मंडी सचिव की अपनों पर मेहरबानी, व्यापार संघ ने दी लिखित शिकायत

Jaipur Muhana Mandi News: कहावत है, सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का.यह कहावत सटीक साबित हो रही है कृषि विपणन विभाग में. कृषि उपज मंडी समिति टर्मिनल मार्केट मुहाना में मंडी के सचिव ने अपने परिवार के सदस्यों पर मेहरबानी दिखा रखी है. रोचक बात यह है कि हाल ही में क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक ने अपनी जांच रिपोर्ट में भी मंडी सचिव के परिजनों के भूखंड होने की बात स्वीकार की है. 

मंडी के सचिव पर लगे बड़े आरोप

मुहाना मंडी राजधानी जयपुर की सबसे बड़ी मंडी मानी जाती है और यहां पर रोजाना हजारों किसानों और व्यापारी अपना व्यवसाय करते हैं. इसी मंडी के सचिव को लेकर अब बड़े आरोप लगे हैं. आरोप यह हैं कि मंडी के सचिव एक तरफ व्यापारियों को परेशान कर रहे हैं, वहीं दूसरे तरफ अपने परिजनों के नाम से आवंटित भूखंडों के निरस्त हो जाने के बावजूद उन्हें खाली नहीं करा रहे हैं.

आरोप मंडी सचिव मनोहर लाल गुप्ता के खिलाफ लग रहे हैं. मंडी यार्ड में 23 कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को भूखंड आवंटित किए गए थे, लेकिन भूखंड आवंटन की शर्तों का उल्लंघन किए जाने के चलते 9 जून 2021 को इनमें से 18 भूखंडों का आवंटन निरस्त किया जा चुका है. रोचक बात यह है कि इनमें से 2 भूखंड मंडी सचिव मनोहरलाल गुप्ता के पुत्र और पत्नी के नाम हैं.

मंडी व्यापारियों ने मंडी सचिव का विरोध किया

नियमानुसार भूखंड आवंटन निरस्त किए जाने के बाद मंडी समिति को उक्त भूखंडों का कब्जा ले लेना चाहिए था. इसके लिए सबसे पहले बिजली कनेक्शन काटे जाने के लिए डिस्कॉम प्रबंधन को लिखा जाना चाहिए था और लोन देने वाली बैंकों को सूचित करना चाहिए था. वहीं मंडी प्रशासन ने इनमें से कोई भी कार्यवाही नहीं की है. इसे लेकर मंडी व्यापारियों ने मंडी सचिव का विरोध किया है.

अपनों पर मेहरबान मंडी सचिव !

- कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि व्यवसाय प्रोत्साहन नीति 2010 में आवंटित हुए 23 भूखंड

- आयुष ट्रेड विजन प्रालि को भूखंड संख्या ए-10-ए आवंटित किया गया

- इस कंपनी में गुप्ता के पुत्र उदित मनोहर निदेशक के रूप में हैं शामिल

- फल सब्जी ज्यूस, डिहाइड्रेशन मुरब्बा यूनिट लगाने के लिए दिया गया था भूखंड

- वर्ष 2020 तक भी यूनिट नहीं लगाने पर कृषि विपणन विभाग ने कई नोटिस दिए

- 9 जून 2021 को तत्कालीन मंडी प्रशासक आशु चौधरी ने भूखंड आवंटन किया निरस्त

- इसी नीति के तहत मैसर्स साग भाजी फूड्स को भी भूखंड आवंटित किया गया

- भूखंड डी-5 में गुप्ता की पत्नी स्नेहलता गुप्ता है भागीदार

- भूखंड के साझेदारी विलेख दिनांक 24 अप्रैल 2015 के तहत हैं भागीदार

- 16 दिसंबर 2020 को फर्म को यूनिट नहीं लगाने पर आरोप पत्र दिया गया

- 15 फरवरी 2021 को जांच कमेटी ने बताया, फर्म ने व्यावसायिक निर्माण शुरू नहीं किया

- 9 जून 2021 को इस भूखंड का भी आवंटन निरस्त किया गया

भूखंड आवंटन निरस्त किए हुए 2 साल से अधिक 

भूखंड आवंटन निरस्त किए हुए 2 साल से अधिक समय बीत चुका है. नियमानुसार कृषि विपणन विभाग को इन भूखंडों का पजेशन अपने पास ले लेना चाहिए था, जो कि अब तक नहीं लिया गया है. आवंटन निरस्त होने के बाद आवंटियों ने कृषि विपणन विभाग के निदेशक के समक्ष अपील की है, लेकिन इन अपीलों पर कोई स्थगन आदेश नहीं दिया गया है. ऐसे में मंडी प्रशासन को अब तक भूखंडों का पजेशन वापस ले लेना चाहिए था. पूर्व में मंडी सचिव मनोहर लाल गुप्ता को शिकायतों के आधार पर राज्य सरकार ने 2 मार्च 2023 को एपीओ किया था, लेकिन गुप्ता ने ट्रिब्यूनल से स्टे ले लिया और 22 मार्च 2023 से फिर से मंडी सचिव का पदभार संभाल रखा है.

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व्यापारियों के यह भी आरोप हैं कि मंडी सचिव अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने एक रिश्तेदार रमेश कूलवाल के जरिए चौथवसूली करते हैं. साथ ही रिटायर्ड चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ब्रह्म सिंह को मंडी यार्ड के सी-ब्लॉक का प्रभारी बनाया हुआ है. ब्रह्म सिंह द्वारा भी कई तरह की गतिधियों के जरिए व्यापारियों को परेशान करने के आरोप लगाए गए हैं.

रोचक यह भी है कि हाल ही में क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक जयपुर महिपाल सिंह ने इस पूरे मामले की जांच कर कृषि विपणन विभाग को सब्मिट कर दी है. इस रिपोर्ट को सब्मिट करने के 1 माह बाद भी अभी तक मंडी सचिव मनोहर लाल गुप्ता पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है.
 

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