वसुंधरा राजे के ड्रीम प्रोजेक्ट द्रव्यवती नदी रिवर फ्रंट का काम करने वाली कंपनी टाटा ग्रुप ने प्रोजेक्ट के मेंटेनेंस का काम बंद कर दिया है. जेडीए से विवाद के बाद कंपनी ने पिछले दिनों काम बंद करने की चेतावनी दी थी. कंपनी के इस कदम से अब वहां बने एसटीपी प्लांट समेत अन्य रखरखाव का काम बंद हो गया है.
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Jaipur: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के ड्रीम प्रोजेक्ट द्रव्यवती नदी रिवर फ्रंट का काम करने वाली कंपनी टाटा ग्रुप ने प्रोजेक्ट के मेंटेनेंस का काम बंद कर दिया है. जेडीए से विवाद के बाद कंपनी ने पिछले दिनों काम बंद करने की चेतावनी दी थी. कंपनी के इस कदम से अब वहां बने एसटीपी प्लांट समेत अन्य रखरखाव का काम बंद हो गया है.
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कंपनी की मांग थी कि जेडीए इस प्रोजेक्ट का ऑफिशियल मेंटेनेंस शुरू करें, लेकिन जेडीए इसे तब तक शुरू नहीं करना चाहता जब तक कंपनी प्रोजेक्ट का फाइनल वर्क पूरा नहीं कर लेती. जेडीए के इंजीनीयरों ने बताया कि अब भी गोनेर के पास कई काम बाकी है और सीतापुरा के पास जमीन को लेकर जो कोर्ट में विवाद चल रहा है, वहां भी कई जगहों पर कंपनी ने काम नहीं किया है. जेडीए में द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट का काम देख रहे अधिशाषी अभियंता (एक्सईएन) दीपक माथुर ने बताया कि कंपनी ने जेडीए से मेंटेनेंस के पेटे 110 करोड़ रुपए मांगे है.
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उन्होंने बताया कि जब तक कंपनी प्रोजेक्ट फाइनल नहीं कर देती तब तक नियमानुसार मेंटेनेंस ऑफिशियली जेडीए शुरू नहीं कर सकता है. जेडीए ने साल 2016 में इस प्रोजेक्ट का काम वसुंधरा सरकार के समय शुरू करवाया था. तब टाटा कंपनी को इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए 1470.85 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रेक्ट दिया था. इसके अलावा 206 करोड़ रुपए इस प्रोजेक्ट को अगले 10 साल तक मेंटेनेंस रखने के लिए निर्धारित किए थे. नाहरगढ़ की तलहटी ग्राम जैसलिया से शुरू होकर ढूंढ नदी गोनेर के पास स्थित रामचंद्रपुरा डेम तक 47.50 किलोमीटर लम्बे इस प्रोजेक्ट में 170MLD क्षमता के 5 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बने है. इसके अलावा यहां वॉक-वे, साईकिल ट्रेक के अलावा 3 बड़े पार्क भी बने है, जिनका रखरखाव अभी कंपनी की ओर से किया जा रहा है.