Govardhan Puja 2022 date: 150 सालों के बाद गोवर्धन पूजा पर बन रहे 4 शुभ संयोग, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त व अवधि
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Govardhan Puja 2022 date: 150 सालों के बाद गोवर्धन पूजा पर बन रहे 4 शुभ संयोग, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त व अवधि

Govardhan Puja 2022: दिवाली के तीसरे दिन घरों से लेकर मंदिरों तक गोवर्धन पूजा होगी जिसे 'अन्नकूट पूजा' भी कहा जाता है. अन्नकूट के अवसर पर भगवान को गर्म तासीर के व्यंजनों के साथ ही एक से बढ़कर एक व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. इसके साथ ही अक्षरधाम मंदिर समेत अन्य मंदिरों में गोवर्धन पर्वत की तर्ज पर झांकियां आकर्षण का केंद्र रहेगी. 

गोवर्धन पूजा पर बन रहे 4 शुभ संयोग.

Govardhan Puja 2022: दिवाली के तीसरे दिन घरों से लेकर मंदिरों तक गोवर्धन पूजा होगी जिसे 'अन्नकूट पूजा' भी कहा जाता है. अन्नकूट के अवसर पर भगवान को गर्म तासीर के व्यंजनों के साथ ही एक से बढ़कर एक व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. इसके साथ ही अक्षरधाम मंदिर समेत अन्य मंदिरों में गोवर्धन पर्वत की तर्ज पर झांकियां आकर्षण का केंद्र रहेगी. सूर्य ग्रहण के चलते करीब 150 सालों के बाद दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा नहीं होकर तीसरे दिन बुधवार को होगी. इस दिन गोबर से घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत की चित्र बनाकर पूजन किया जाता है. इस दिन गौ-माता की सेवा का विशेष महत्व है.

गोवर्धन पूजा को लेकर घरों से लेकर मंदिरों में तैयारियां पूरी
दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा को लेकर घरों से लेकर मंदिरों में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. आराध्यदेव गोंविंददेवजी मंदिर में ठाकुरजी 102 साल पुरानी सुनहरी पोशाक में अपने भक्तों को दर्शन देंगे तो वैशालीनगर स्थित स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर परिसर में ठाकुरजी को इस बार 1111 से अधिक पकवानों का भोग अर्पित होंगे. सात्विक व्यंजनों जिसमें राजस्थानी, गुजराती, दक्षिण भारतीय, उत्तर भारतीय औ अन्य क्षेत्रीय व्यंजन शामिल हैं. सभी व्यंजनों का ठाकुरजी को लगाया जाएगा. अन्नकूट दर्शन का समय दोपहर एक बजे से लेकर रात आठ बजे तक रहेगा, अंत में प्रसादी होगी. शहर आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में अन्नकूट की झांकी सजाई जाएगी. मंदिर प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि संभावित अन्नकूट झांकी दर्शन दोपहर 12 से 12.30 बजे तक होंगे. इस दौरान सुबह ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक के बाद विशेष 25 तरह के कच्चा भोग, 56 भोग सेवा में अर्पण किए जाएंगे. इस दिन सुबह की राजभोग झांकी के दर्शन नहीं होंगे. बाकी झांकियों का समय यथावत रहेगा. मंदिर के पश्चिम द्वार पर पर गोवर्धन पूजा और गाय बछड़े का पूजन किया जाएगा. इसके बाद पुरानी सुनहरी जामा पोशाक धारण करवाई जाएगा. विशेष अलंकार से श्रृंगार किया जाएगा.

गोवर्धन पूजा के श्रेष्ठ चौघड़िए
चौघड़िए — समय

अमृत का चौघडिया — सुबह 6.36 से 9.23 बजे तक

शुभ का चौघडिया — सुबह 10.47 से दोपहर 12 बजे तक

चर का चौघडिया — दोपहर 2.58 से शाम 4.22 बजे तक

लाभ का चौघडिया — शाम 4.22 से 5.45 बजे तक

शुभ व अमृत का चौघडिया — रात 8 बजे से 10.30 बजे तक

कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर बुधवार को गोवर्धन पूजा होगी
ज्योतिषाचार्यों के मुताबकि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर बुधवार को गोवर्धन पूजा होगी. इस बार आयुष्मान, सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग के बीच गोवर्धन पूजा की जाएगी, जो सुख—समृद्धिदायक होगी. ये तीनों योग ही दिनभर रहेंगे. इस बार सूर्य ग्रहण के चलते करीब 150 सालों के बाद दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा नहीं होकर बुधवार को गोवर्धन पूजा हो रही है. ज्योतिषाचार्य दामोदर शर्मा के मुताबिक आयुष्मान योग सूर्योदय के साथ सुबह 6.36 बजे से शुरू होगा. जो रात 9 बजकर 57 मिनट तक रहेगा. इस बीच गोवर्धन पूजा शुभफलदाय होगी. आयुष्मान योग के बाद सौभाग्य योग भी बन रहा है. वहीं इस दिन सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग भी रहेगा.

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ये दोनों योग गोवर्धन पूजा में विशेष फलदायी होंगे
ये दोनों योग दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू हो जाएंगे, जो रात 9 बजकर 23 मिनट तक रहेंगे. इस बीच गोवर्धन पूजा विशेष फलदायक होगी. गोवर्धन पूजा के दिन गेहूं, चावल जैसे अनाज, बेसन से बनी कढ़ी और पत्ते वाली सब्जियों से बने भोज तैयार किए जाते है, जिन्हें भगवान श्री कृष्ण को अर्पित किया जाता है. गोवर्धन पूजा द्वापर युग से होती आई है. द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने इन्द्रदेव के घमंड को तोड़कर उनके प्रकोप से गोकुलवासियों की रक्षा की. तब से गोवर्धन पूजा की जाती है. पूजा में अन्नकूट प्रसाद का भोग लगाया जाता है. इस दिन गाय के बछड़े की पूजा होती है, भगवान कृष्ण गोपालक थे, इसलिए गाय के गोबर से ही गोवर्धन बनाना चाहिए.

छोटीकाशी सहित पूरे प्रदेश में गोवर्धन पूजा के साथ मंदिरों में अन्नकूट का आयोजन होगा. मंदिरों में जहां भगवान को कढ़ी, बाजरा, मूंग, चावल, मिक्स सब्जी, पूरी पकवानों का भोग लगाने के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा. शाम के समय घरों कई जगह सार्वजनिक रूप से गोवर्धन पूजा का आयोजन होगा. गाय के गोबर से बनाए जाने वाले गोवर्धन को अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा.

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