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Jaipur News: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 68वां राजस्थान अधिवेशन गुलाबी नगरी जयपुर में आयोजित हो रहा है, 25 से 27 नवंबर तक आयोजित हो रहे राष्ट्रीय अधिवेशन में आज दूसरे दिन राजधानी जयपुर में एबीवीपी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई.अग्रवाल कॉलेज से अल्बर्ट हॉल तक निकाली गई इस रैली में एबीवीपी के पूरे देश के विभिन्न प्रांतों से आए हुए कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया,,तो वहीं शोभायात्रा के दौरान राजधानी जयपुर के का आसमान भारत माता की जय और वंदे मातरम के जयकारों से गूंज गया,,शोभायात्रा में करीब 4 हजार से ज्यादा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता मौजूद रहे.
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गौरतलब है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को 18 सालों के बाद राष्ट्रीय अधिवेशन की मेजबानी मिली है.और 18 साल बाद मिली मेजबानी में राजस्थान कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.शुक्रवार को योग गुरु बाबा रामदेव ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का उद्घाटन किया,तो वहीं आज सुबह से ही जेईसीआरसी स्थित परिसर में विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया,,इसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सभी कार्यकर्ता अग्रवाल कॉलेज पहुंचे,,जहां से शोभायात्रा की रवानगी हुई,,इस दौरान अग्रवाल के मुख्य गेट पर शोभायात्रा का फूल बरसाकर स्वागत किया गया तो वहीं जगह जगह पर इस शोभायात्रा का स्वागत किया गया,,
शोभायात्रा जब अल्बर्ट हॉल पहुंची तो वहां पर आतिशबाजी करते हुए शोभायात्रा का स्वागत किया गया,, अल्बर्ट हॉल पर आयोजित खुला अधिवेशन में विभिन्न प्रांतों से आए प्रतिनिधियों ने संबोधित किया. खुला अधिवेशन को संबोधित करते हुए अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री हुश्यार मीणा ने कहा कि " हमारे इतिहास ग्रंथों में अनेक महापुरुषों को उचित स्थान नहीं मिला. देशभर के अनेक राज्यों में ऐसे महापुरुष हुए जिनके राष्ट्र के प्रति योगदान का उचित मूल्यांकन होना शेष है. भारत में जनजाति वर्ग ने प्रकृति पूजक के रूप पूरे विश्व को सस्टेनेबिलिटी का संदेश दिया है, कई बार जनजाति वर्ग को उनकी मान्यताओं तथा परम्पराओं को लेकर दिग्भ्रमित किया जाता है,यह बहुत ग़लत है."
तो वहीं खुला अधिवेशन को संबोधित करते हुए अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि "आज भारतीय संविधान दिवस है, मैं भारतीय संविधान के निर्माताओं को नमन करता हूं, भारत का संविधान सर्वसमावेशी तथा सभी नागरिकों को न्याय तथा समानता के पथ पर अग्रसर करने वाला है., वर्तमान में सरकारों द्वारा पोषित की जा रही 'रेवड़ी संस्कृति' की राजनीति पर लगाम लगाने की आवश्यकता है.,अब शिक्षा केन्द्रित राजनीति नए भारत का मुद्दा होना चाहिए., राज्य विश्वविद्यालयों की वर्तमान स्थिति सुधारने की आवश्यकता है., राज्य सरकारों को यह समझना होगा कि भारत की अधिकांश युवा आबादी इन्हीं राज्य विश्वविद्यालयों में पढ़ती है., इन राज्य विश्वविद्यालयों की अनियमितताओं को दूर कर युवाओं के अच्छे भविष्य के लिए बेहतर शिक्षा संस्कृति तथा ढांचागत सुविधाएं विकसित करनी होंगी., भारत की भूमि पर भारत विरोधी विचारों के कुत्सित प्रयास अब नहीं चलेंगे,भारत का युवा ऐसा करने वालों के मंसूबों को जान चुका है.,"
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