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जयपुर: प्रदेश में 9 सितम्बर से इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू होने जा रही है. योजना के लिए इस वित्तीय वर्ष में 800 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है. इसमें शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को 100 दिन का रोजगार दिया जाएगा. देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए यूपीए सरकार के समय महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना (मनरेगा) शुरू की गई थी.
इस योजना के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले और बेरोजगारों के जीवन स्तर में काफी सुधार आया. कोरोना के दौरान जब रोजगार का संकट बढ़ा तो यह योजना वरदान साबित हुई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्रों में भी मनरेगा की तर्ज पर रोजगार गारंटी योजना शुरू करने के लिए कदम उठाया.
कोविड में छिना रोजगार, अब मिलेगा संबल
योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को हर साल 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. इस योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा है. राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान रोज़गार छिनने से जो परिवार कमज़ोर और असहाय हो गए हैं. उन्हें भी इस योजना से बड़ा संबल मिल सकेगा.
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जाॅब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष के सदस्य पात्र
योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से किया जाएगा. योजना के तहत जॉब कार्डधारी परिवार को 100 दिन का गारंटीशुदा रोज़गार दिया जाएगा. इसमें जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र हैं. योजना में पंजीयन जनआधार कार्ड से किया जा रहा है. एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है. जिन परिवारों के जन आधार कार्ड उपलब्ध नहीं हैं, वे ई-मित्र या नगरपालिका सेवा केंद्र पर जनआधार के लिए आवेदन कर उसके क्रमांक के आधार पर जाॅब कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे.
निःशुल्क आवेदन, 15 दिन में रोजगार
योजना में आवेदन ई-मित्र के माध्यम से निःशुल्क किया जा सकता है. आवेदन करने के बाद 15 दिन में रोज़गार उपलब्ध करवाया जाएगा. पारिश्रमिक का भुगतान सीधे जॉब कार्डधारी के खाते में किया जाएगा. राज्य सरकार के वेब पोर्टल से योजना की आवश्यक जानकारी ली जा सकती है.
प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समितियां गठित
योजना के क्रियान्वयन के लिए 2561 विभिन्न पदों पर संविदा आधार पर भर्ती की जा रही है. साथ ही इस योजना के लिये सभी निकायों के संबंधित कार्मिको एवं ई-मित्र संचालकों का प्रशिक्षण दिया गया है. इस योजना के धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य, संभाग, जिला एवं निकाय स्तर पर समितियों का गठन भी कर दिया गया है.
अब तक 2 लाख से अधिक जाॅब कार्ड, 9500 कार्य चिन्हित
योजना में अब तक 2 लाख से अधिक जाॅब कार्ड जारी किए गए हैं. इनके माध्यम से पंजीकृत सदस्यों की कुल संख्या 3 लाख 18 हजार से अधिक है. समस्त निकायों में 9 हजार 500 से अधिक कार्य चिन्हित किए गए हैं और सभी नगरीय निकायों का बजट भी आवंटित कर दिया है. चिन्हित कार्यों की अनुमानित राशि करीब 658 करोड़ रूपए है. लगभग 6 हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है.
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