Demand for Action: डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या मामले ने पकड़ा तूल, दौसा में जगह-जगह प्रदर्शन, पढ़िए पूरा अपडेट
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Demand for Action: डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या मामले ने पकड़ा तूल, दौसा में जगह-जगह प्रदर्शन, पढ़िए पूरा अपडेट

राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट उपखंड मुख्यालय पर बुधवार को एक निजी अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्चना शर्मा के आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है. डॉ. अर्चना शर्मा की मौत के बाद प्रदेश के चिकित्सा जगत में काफी आक्रोश है.

डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या मामले ने पकड़ा तूल, दौसा में जगह-जगह प्रदर्शन.

दौसा: राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट उपखंड मुख्यालय पर बुधवार को एक निजी अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्चना शर्मा के आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है. डॉ. अर्चना शर्मा की मौत के बाद प्रदेश के चिकित्सा जगत में काफी आक्रोश है. लगातार अर्चना शर्मा की मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, आईएमए के स्टेट प्रेसिडेंट अशोक शारदा का कहना है पुलिस ने किन नियमों के तहत डॉ. अर्चना शर्मा और उनके पति के खिलाफ धारा 302 में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था. उसी प्रकरण से आहत होकर डॉक्टर अर्चना शर्मा ने मौत को गले लगाया. ऐसे में उन दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. 

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पूरे प्रकरण को लेकर आज दौसा जिले में जगह-जगह निजी अस्पताल संचालकों और उनके स्टाफ द्वारा प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की गई. साथी मेडिकल के दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें बंद रखी. वहीं, लालसोट में आमजन भी सड़कों पर उतरे. बाजार बंद करवाकर मामले का पुरजोर तरीके से विरोध किया. दोषियों के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की. वहीं, दौसा कलेक्ट्रेट चौराहे पर जयपुर आगरा हाईवे 21 पर कुछ देर के लिए जाम लगाकर यातायात बाधित किया गया. अपनी मांगे मनवाने के लिए विरोध दर्ज करवाया. अब पूरा घटनाक्रम दौसा पुलिस प्रशासन के गले की फांस बन चुका है.

वहीं, मामले की गंभीरता को भांपते हुए सरकार ने जयपुर संभागीय आयुक्त के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया है, जो पूरे प्रकरण की जांच कर सरकार को रिपोर्ट पेश करेगी. वहीं, दौसा कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी ने पूरे प्रकरण को लेकर कहा जो भी घटना क्रम हुआ है, उसको लेकर हमारी संवेदना परिवार के साथ है. जो भी बातें उनके परिवार द्वारा या आईएमए के पदाधिकारियों द्वारा बताई गई है व जो ज्ञापन दिया गया है, उसे सरकार तक भिजवा दिया गया है.

वहीं, मृतका डॉक्टर अर्चना शर्मा के पति डॉक्टर सुनील उपाध्याय पूरे घटनाक्रम को लेकर आहत है, उनका कहना है कि मेरी पत्नी तो चली गई लेकिन इस तरह की घटना का दोहराव न हो, इसको लेकर सरकार सुनिश्चित करे. साथ ही जो भी इस घटनाक्रम के दोषी हैं, चाहे वह पुलिस से जुड़े अधिकारी हों या फिर अन्य लोग उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो. वहीं, डॉ. सुनीत ने राजनेताओं से भी अपील की है कि आखिर कब तक इस तरीके से डॉक्टर मरते रहेंगे. डॉक्टर अगर नहीं रहेंगे तो आमजन के स्वास्थ्य की सेवा या उनकी रक्षा कौन करेगा. लिहाजा ऐसा कानून बने जिससे भविष्य में कोई डॉक्टर प्रताड़ित नहीं हो. इस तरीके से आत्महत्या करने के लिए मजबूर नहीं हो.  डॉक्टर सुनीत उपाध्याय ने पूरे प्रकरण को लेकर लालसोट थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. जिस पर वह कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

 दरअसल 27 मार्च को लालसोट विधानसभा क्षेत्र की प्रसूता आशा बेरवा को डिलीवरी के लिए उसके परिजनों ने लालसोट के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था. जहां 28 मार्च को प्रसूता के सिजेरियन डिलेवरी करवाई गई. उसी दौरान डिलेवरी के कुछ घंटों बाद ही प्रसूता की मौत हो गई. मौत के बाद हॉस्पिटल की एंबुलेंस से प्रसूता केशव और नवजात को उनके घर पहुंचाया गया, लेकिन उसके कुछ देर बाद ही परिजन कुछ लोगों के साथ अस्पताल के बाहर डेड बॉडी लेकर बैठ गए. कार्रवाई की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.

 परिजनों ने आरोप लगाया इलाज में लापरवाही हुई है, जिससे आशा बेरवा की मौत हुई है. कई घंटों तक चले प्रदर्शन के बाद 28 मार्च की रात्रि को करीब 2:00 बजे समझौता हुआ. जिसके तहत डॉक्टर दंपति के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया. साथ ही मुआवजे की भी मांग रखी. वहीं, पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर मृतक प्रसूता आशा बेरवा का शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया.

कुछ देर बाद ही पुलिस को खबर मिली जिस डॉक्टर ने प्रसूता आशा बेरवा की डिलेवरी करवाई थी और जिसके खिलाफ 302 में प्रकरण दर्ज किया गया है, उसने आत्महत्या कर ली. इस सूचना पर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के भी हाथ पैर फूल गए. वहीं, मृतका डॉक्टर के परिवार में कोहराम मच गया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का मौका मुआयना किया. मृतक डॉ. अर्चना शर्मा के शव को मोर्चरी में रखवाया. साथ ही एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें अर्चना शर्मा द्वारा बेहद ही मार्मिक बातें लिखी गई थी. अर्चना शर्मा ने सुसाइड नोट में लिखा मैं मेरे पति और बच्चों से बेहद प्यार करती हूं और मेरे मरने के बाद इन्हें कोई परेशान नहीं करें. साथ ही उन्होंने लिखा मैंने किसी को नहीं मारा. मेरे मरने के बाद मेरी बेगुनाही साफ हो जाएगी. महिला की मौत पीपीएच कम होने की वजह से हुई है. इसमें मेरा कोई दोष नहीं है, मैंने उसको बचाने का भरसक प्रयास किया लेकिन वह बच नहीं सकी. ऐसे में डॉक्टरों को प्रताड़ित करना बंद करो.

इस पूरे प्रकरण को लेकर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री और लालसोट से विधायक परसादी लाल मीणा ने भी अपना बयान जारी करते हुए कहा घटना बेहद दुखद है. जो भी दोषी है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. चिकित्सकों के साथ ऐसा व्यवहार ठीक नहीं.

फिलहाल कार्रवाई की मांग को लेकर निजी अस्पताल संचालकों द्वारा काम का बहिष्कार किया गया जो अस्पताल में भर्ती मरीज हैं, सिर्फ उन्हीं का उपचार कर रहे हैं. बाहर का कोई मरीज फिलहाल अस्पतालों में नहीं देख रहे. उनका कहना है जब तक प्रकरण में कार्रवाई नहीं होगी उनका आंदोलन जारी रहेगा.

Report- Laxmi Sharma

 

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