ये एक और कीर्तिमान चूरू के हुए नाम, युवा सांसद राहुल कस्वां की मेहनत लाई रंग
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1339730

ये एक और कीर्तिमान चूरू के हुए नाम, युवा सांसद राहुल कस्वां की मेहनत लाई रंग

विश्व की इतनी बड़ी संस्था जो पूरे विश्व में होने वाले एथलेटिक्स गेम्स में प्रयोग किए जाने वाले ट्रैक्स को मान्यता देने का कार्य करता है उस संस्था के द्वारा चूरू के ट्रैक को क्लास वन की श्रेणी में शामिल करते हुए आने वाले समय में होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर तक के खेलों के लिए चूरू जिला स्टेडियम स्थित सिंथेटिक ट्रैक को मान्यता दे दी है. 

ये एक और कीर्तिमान चूरू के हुए नाम, युवा सांसद राहुल कस्वां की मेहनत लाई रंग

Churu: जिला स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय स्तर का ट्रैक बनवाकर पहचान दिलाने में यहां के युवा सांसद राहुल कस्वां की मेहनत रंग लाई है, वर्ल्ड एथलेटिक्स एसोसिएशन के द्वारा भारत के कुल 6 सिंथेटिक ट्रैक क्लास वन की श्रेणी में रखे गये हैं. जिसमें चूरू जिला स्टेडियम का सिन्थेटिक ट्रैक शामिल है. चूरू जिले के लिए गर्व की बात है कि देश के चुनिंदा छह ट्रैक में पहला स्थान खेलो इंडिया के तहत भारत सरकार द्वारा चूरू जिला स्टेडियम में बनाए गए सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक को मिला है.

विश्व की इतनी बड़ी संस्था जो पूरे विश्व में होने वाले एथलेटिक्स गेम्स में प्रयोग किए जाने वाले ट्रैक्स को मान्यता देने का कार्य करता है उस संस्था के द्वारा चूरू के ट्रैक को क्लास वन की श्रेणी में शामिल करते हुए आने वाले समय में होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर तक के खेलों के लिए चूरू जिला स्टेडियम स्थित सिंथेटिक ट्रैक को मान्यता दे दी है. चूरू जिला स्टेडियम का सिंथेटिक ट्रैक राजस्थान का एकमात्र ट्रैक जो इस श्रेणी में शामिल है.

चूरू जिले की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

ये भी पढ़ें- Aaj Ka Rashifal : मेष को प्यार में मिलेगा धोखा, तुला बॉस से बहस ना करें

इसके अलावा भारत में पांच अन्य ट्रैकों को जिसमें एक मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक हरियाणा के हिसार में दो कोलकाता में वह एक नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में बने ट्रैक को ही क्लास वन की मान्यता दी गई है. चूरु जिले के जिला स्टेडियम में भारत सरकार की खेलो इंडिया स्कीम के तहत 7 करोड़ की लागत से बने इस ट्रैक को लाने के लिए चूरू सांसद राहुल कस्वां ने काफी प्रयास किए थे और उनके प्रयासों से यह संभव हुआ है कि आज विश्व के गिने-चुने सिंथेटिक ट्रैक्स में से भारत में चूरू का ट्रैक भी शामिल है. जिले के युवाओं को अपनी खेल प्रतिभा निखारने में मदद व मौका मिलेगा.

Reporter-Gopal Kanwar

Trending news