POK को वापस भारत के नक्शे में मिलाने के लिए उठाया गया ये अनोखा कदम, क्या संकट मोचन करेंगे बेड़ा पार?
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POK को वापस भारत के नक्शे में मिलाने के लिए उठाया गया ये अनोखा कदम, क्या संकट मोचन करेंगे बेड़ा पार?

POK को वापस भारत के नक्शे में मिलाने के लिए एक अनोखा कदम उठाने की तैयारी की जा रही है. तो क्या अब संकट मोचन जल्दी से बेड़ा पार करने वाले हैं?

POK को वापस भारत के नक्शे में मिलाने के लिए उठाया गया ये अनोखा कदम, क्या संकट मोचन करेंगे बेड़ा पार?

Churu: चूरू जिले के सालासर चित हनुमत वाटिका में हनुमान महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. आयोजकों का दावा है कि विश्व में पहली बार इतना बड़ा यज्ञ हो रहा है जिसमें 1008 कुंडीय यज्ञ के लिये विशाल मंडप बनाया गए है.इस दौरान सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रहेगी. 2000 हजार पंडित मंत्रोच्चारण करेंगें.

इसमें देश-विदेश से लोग अपने आहूतियां देंगे. महायज्ञ का मुख्य प्रयोजन बताया जा रहा है कि स्वामी रामभद्राचार्य महाराज द्वारा भारत का अभिन्न अंग पीओके जिस पर पाकिस्तान का कब्जा है उसको वापस भारत के नक्शे में मिलाना है उसको लेकर के यह महायज्ञ किया जा रहा है.

इस यज्ञ से हमारी सैन्यशक्ति, राजनेताओं अधिकारियों तथा आमजन का मानस बनेगा और पीओके फिर से हमारे देश का एक अभिन्न हिस्सा बनेगा. पद्मा विभूषण जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि वे संकल्प कर चुका हूं. pok हमको मिल जाए. ये हमारा ही था पाकिस्तान ने कब्जा कर रखा है. हम सालासर हनुमान महाराज के परम पावन परिसर में 1008 कुंडली हनुमान महायज्ञ करने जा रहे हैं और सवा करोड़ हनुमान मंत्र की आरती पड़ेगी. मुझे विश्वास है हनुमान जी रावण के द्वारा चुराए सीता जी को लौटा सकते हैं तो पाक अधिकृत हमारे देश का हिस्सा भी हमें दिलाएंगे.

सालासर बालाजी नगरी में जगद्गुरु स्वामी श्री रामभद्राचार्य महाराज के सानिध्य में 1008 कुण्डीय हनुमन महायज्ञ का शाही कलश यात्रा के साथ बालाजी के जयकारों से आगाज हुआ. कलश यात्रा में बग्गी पर सवार होकर स्वामी श्री रामभद्राचार्य महाराज ने बालाजी के जयकारों के साथ कलश यात्रा को रवाना किया. कलश यात्रा में हाथी, घोटे, ऊंट व शाही बैंडबाजे के साथ महिलाएं सर पर कलश धारण कर हनुमान वाटिका पहुंची. ब्राह्मण पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ 1008 जोड़ो को महायज्ञ में बिठाकर जप शुरू करवाया.

शोभायात्रा का सालासर के ग्रामीणों द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया. इस दौरान यज्ञ सम्राट बालक योगेश्वर दास, आचार्य  रामचंद्र दास सहित दो हजार पंडित व सालासर के ग्रामीण मौजूद रहे.स्वामी  रामभद्राचार्य महाराज ने इस मौके पर कहा की पीओके भूमि का भारत में अधिग्रहण हो, इस मनोकामना के साथ बालाजी की नगरी में महायज्ञ हो रहा है.

आयोजन दुनिया में पहली बार हो रहा है, क्योंकि इतिहास में आज तक हनुमानजी के लिए सवा करोड़ आहुति एक यज्ञ में कभी नहीं दी गई. पीओके को भारत से जोड़ने के मकसद और संकल्प के साथ भी ये महायज्ञ होगा. पद्म विभूषण जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज सानिध्य में कार्यक्रम होगा. अष्टोत्तर सहस्त्र 1008 कुंडीय व हनुमन महायज्ञ व श्रीराम कथा में देशभर के नामी संत व राजनेता आएंगे. प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को भी निमंत्रण दिया है. स्वामी रामभद्राचार्य महाराज का 14 जनवरी को 74वां जन्मदिन भी है.

हिंदुस्तान के सभी राज्यों सहित कनाडा, यूएस, इटली, मॉरिसस सहित अनेक विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी यज्ञ में बैठेंगे. कथावाचक रामभद्राचार्य महाराज रथ पर विराजमान होकर चल रहे थे. बैंड बाजे की धुनों पर कलश यात्रा में शामिल लोग नाचते गाते भक्ति रस के आनंद में सरोबार नजर आए. सालासर बालाजी मंदिर के सामने से निकली कलश यात्रा बालाजी गौशाला के पास कथा स्थल मोहन वाटिका पहुंची. 

कलश यात्रा में 5 हजार से ज्यादा लोग शामिल थे. आपको बता दें कि संत रामभद्राचार्य के पीओके को वापस भारत में शामिल कर अखंड भारत बनाने के प्रयोजन को लेकर यह आयोजन हो रहा है. जिसमें रोज सवा करोड़ आहुतियां दी जाएगी. 12 जनवरी से 19 जनवरी तक रोज सुबह 8.30 बजे से 12 बजे 2000 पंडित 1108 जोड़ों के साथ यज्ञ करवाएंगे. वहीं रोज दोपहर 2 बजे से 5.30 बजे रामकथा होगी. 19 जनवरी तक शाम को रोज 6 से 8 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. जिनमें देश के जाने माने कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे.

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