Churu News : खाद्य सुरक्षा में नाम जोड़ने के लिए मांगी रिश्वत, मना करने पर फॉर्म रिजेक्ट
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1670256

Churu News : खाद्य सुरक्षा में नाम जोड़ने के लिए मांगी रिश्वत, मना करने पर फॉर्म रिजेक्ट

Churu News : राजस्थान सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं का फायदा गरीब परिवारों को मिले इसको लेकर गंभीर है तो वहीं दूसरी ओर नगरपालिका में संविदा पर लगे कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा इन योजनाओं में पलीता लगाने का मामला सामने आया है.

Churu News : खाद्य सुरक्षा में नाम जोड़ने के लिए मांगी रिश्वत, मना करने पर फॉर्म रिजेक्ट

Churu News : राजस्थान के चूरू में नगरपालिका में संविदा पर लगे कंप्यूटर ऑपरेटर ने खाद्य सुरक्षा योजनाओं (NFSA) के लिए कई पात्र परिवारों से पैसों की मांग कर योजनाओ से वंचित कर दिया. दरअसल बीदासर के वार्ड नंबर 28 के अलग अलग लोगों ने बताया कि खाद्य सुरक्षा का लाभ लेने के लिए आवेदन किया गया था.

 जिसकी स्वीकृति के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर ने 1500 से 3000 रुपए की मांग की है, असक्षम गरीब परिवार ने पैसे नहीं दिया तो उसके फॉर्म रिजेक्ट कर दिए गए. शिकायतकर्ता हबीब का कहना है कि ई-मित्र से फॉर्म ऑनलाइन करवाने के कुछ दिन बाद नगरपालिका गया ओर राशन कार्ड खाद्य सुरक्षा के बारे में जानकारी ली.

तब कंप्यूटर ऑपरेटर मनोज कुमार ने 2000 रुपये की मांग की कहा कि पैसे दे दो आपका खाद्य सुरक्षा में नाम अपडेट हो जाएगा, पीड़ित ने कहा 2 हजार रुपये मेरे पास नहीं है. 500 रुपये की व्यवस्था कर सकता हूँ.

ऑपरेटर मनोज 2 हजार रुपये की मांग पर अड़ा रहा, पैसे नहीं देने पर खाद्य सुरक्षा योजना में अपडेट करने के बजाय आवेदन को निरस्त कर दिया. जिसके चलते आज तक गरीब परिवार सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं से वंचित हैं.

जानकारी के अनुसार पीड़ित हबीब लंबे समय से बीमार चल रहा है, पीड़ित की पत्नी ने बताया कि मेरे पति करीब चार सालों से बीमार चल रहे हैं, अगर खाद्य सुरक्षा में हमारा आदेवन स्वीकृत हो जाता, तो सरकारी की चिरंजीवी निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा योजना में इनका इलाज करवा लेते, साथ ही अन्य योजनाओं का लाभ मिल जाता.

लेकिन हमारे आवेदन को पालिका के कंप्यूटर ऑपरेटर ने 2 हजार रुपये नहीं देने के कारण निरस्त कर दिया. बताया जा रहा है कि पीड़ित हबीब ने इस बारे में राजस्थान संपर्क पोर्टल 181 और स्थानीय प्रशासन से कई बार शिकायत की है.

अब मीडिया के माध्यम से परिवार के लोगों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुहार लगा कर सहयोग और योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग है. वही एक और व्यक्ति ने बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटर मनोज ने मेरे से खाद्य सुरक्षा में नाम जोड़ने के लिए 3000 रुपये लिए और खाद्य सुरक्षा में नाम भी नहीं जोड़ा गया, जिसके बाद मैंने उसको कहा तुम्हारी अधिकारियों से शिकायत करूँगा तो उसने मेरे घर आकर मेरे लड़के को 3000 रुपये वापस लौटा दिए.

इस मामले को लेकर उपखंड अधिकारी रमेश कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से हमारे पास मनोज कुमार की शिकायत मिली है, यह व्यक्ति टेंडर पर पालिका में लगा हुआ, पालिका ईओ से इस संबंध में रिपोर्ट ली गई है, जिसमें बताया गया है कि ऑपरेटर को यहां से हटा दिया गया है, साथ ही पालिका को निर्देश दिए गए हैं इसको दुबारा नहीं लगाया जाए.

अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जनकल्याणकारी योजनाओं का महंगाई राहत शिविरों के माध्यम से फायदा ऐसे कार्मिकों के भरोसे कितना फलीभूत होकर धरातल पर उतरेगा.

Trending news