बूंदी जिले का इकलौता ट्रैफिक सिग्नल कई दिनों से मेंटिनेंस को तरस रहा, इंतजार के बाद निकल जाते हैं मुसाफिर
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बूंदी जिले का इकलौता ट्रैफिक सिग्नल कई दिनों से मेंटिनेंस को तरस रहा, इंतजार के बाद निकल जाते हैं मुसाफिर

बूंदी जिले में एकमात्र ट्रैफिक सिग्नल लाइट होने के बावजूद इसका रखरखाव नहीं किया जा रहा है, जिससे बड़े हादसे का डर बना हुआ है.

बूंदी जिले का इकलौता ट्रैफिक सिग्नल कई दिनों से मेंटिनेंस को तरस रहा, इंतजार के बाद निकल जाते हैं मुसाफिर

Bundi: बूंदी जिले में एकमात्र ट्रैफिक सिग्नल लाइट होने के बावजूद इसका रखरखाव नहीं किया जा रहा है, जिससे बड़े हादसे का डर बना हुआ है. शहर के गोपाल सिंह प्लाजा कोटा रोड स्थित एकमात्र लाइट होने पर वाहन चालकों को राहत थी, लेकिन पिछले 1 महीने से यहां संभावित हादसे होने का डर सता रहा है, हालत यह हैं कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से एकमात्र लाइट भी ठीक नहीं होती नजर आ रही.

बूंदी शहर के कलेक्ट्रेट से चंद कदम दूर पर स्थित ट्रैफिक सिग्नल लाइट पिछले 1 महीने से खराब पड़ी हुई है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है. वहां चालकों को हादसे का डर सता रहा है, कहीं वाहन चालक रेड सिग्नल को  समझ कर अपने वाहन को रोक देते हैं. लेकिन जब कई मिनटों तक लाइट नहीं जलती तो परेशान होकर निकलते नजर आते हैं.

 ऐसे में बड़े वाहन भी तेज गति से वहां से गुजर रहे हैं, हालात यह है कि कब कौन दुर्घटनाग्रस्त हो जाए. जिसका कोई जिम्मेदार नहीं है. शहर में ट्रैफिक लाइट चर्चा का विषय बना हुआ है. पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी इस लाइट को ठीक कराने में असमर्थ हैं.

 बूंदी यातायात विभाग अपने वसूली अभियान में जुटा रहता है, राजस्व अर्जित करता है, लेकिन जिस तरह से इस लाइट के रखरखाव की बात आती है तो नगर परिषद आयुक्त यातायात प्रभारी जिला पुलिस अधीक्षक जिला कलेक्टर सभी को इसकी शिकायत की गई लेकिन आज तक लाईट ठीक नहीं हो पाई है. बूंदी शहर के कोटा रोड नैनवा रोड व शहर में आने वाले रास्ते के बीच में स्थित ट्राफिक सिग्नल को देख कर कोई परेशान है. यहां भारी वाहन भी गुजर रहे हैं, तो छोटे वाहन भी ऐसे में रोजाना कई लोग हादसे का शिकार भी हो रहे हैं. 

Reporter- Sandeep Vyas

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