Moon hump back whale tragic story: मून हंप व्हेल इस समय हर किसी के दिल को झकझोड़ के रख रहीं है.टूटी रीढ़ की हड्ड़ी के साथ मून 5000 से ज्यादा कि.मी अब तक तैर चुकी है.
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Moon hump back whale tragic story: मून हंप व्हेल की कहानी इस समय हर किसी के दिल को झकझोड़ के रख रहीं है. टूटी रीढ़ की हड्ड़ी के साथ मून 5000 से ज्यादा कि.मी अब तक तैर चुकी है. वह भी गहरी तकलीफ के साथ. समुद्र से आ रही उसकी दर्दभरी आवाजें दिल को परेशान कर रही है, मानों कह रही है कि बस अब नहीं पर फिर भी हिम्मत नहीं हार रहीं है. जीने की ललक खत्म नहीं हो रही है. वह अपनी पूंछ की जगह अपने पेट के बल यानी बेस्टस्ट्रोक(दोनों हाथों को मिलाकर सामने सीधे करना और साथ साथ दोनों पैर भी घुटने के नीचे हिलाकर सीधे करना) से तैर रही है.उसका साहस देखकर जीव वैज्ञानिक हैरान है की यदि एक इंसान की पैर की हड्डी टूट जाती है तो वह तकरीबन महीना भर रेस्ट करता है, लेकिन मून हंप व्हेल काफी दर्द सहते हुए भी तैर रही है.
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कैसे हुआ हादसा
साल 2022 से कुछ दिन पहले मून हंप एक शिप से टकराई थी. जिस वक्त वह कनाडाई एरिया के पास थी. इसके बाद इशी व्हेल की तस्वीर 1 दिसंबर 2022 को हवाई में ली गई थी. व्हेल पर काम करने वाले एक एनजीओ ने देखा. इसकी चाल देखकर वह हैरान थे, जो मून 2022 में एक जहाज से टकरा गई थी, वह चल फिर रही थी. उन्हें अपने उपकरणों में दिखे नजारों पर यकीन नहीं हुआ. इसके लिए उन्होंने गौर से देखा तो पाया की वाकई में मून हंप व्हेल तैर रही थी.
मून ने टूटी हुई रीढ़ की हड्डी के साथ 5000 किलोमीटर तैराकी की. पता है कैसे? तैराकी में जिसे ब्रेस्टस्ट्रोक कहते हैं, उसके जरिए. मून पर वैज्ञानिक एक दशक से ज्यादा स्टडी कर रहे हैं. पिछले दशक में मून को फिन आइलैंड के पास देखा गया था. तब यह अच्छी भली थी. उस समय वह अपने बच्चों के साथ क्रिल का शिकार कर रही थी. पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस बात से खुश थे. वह बच्चे को शिकार करना और ब्रीडिंग ग्राउंड पर रहना सिखा रही थी.
वहीं इसकी स्टडी करने वाले जीव वैज्ञानिकों ने जब इसे सितंबर में देखा तो उन्हें उसकी ऊपरी सतह से मून का शरीर विचित्र रूप से टेढ़ा-मेढ़ा दिखा . जब उसकी एरियल फोटोग्राफी कराई गई. पता चला कि मून की रीढ़ की हड्डी बुरी तरह से टूटी हुई है. वह अपनी पूंछ के सहारे तैर भी नहीं पा रही है. लेकिन कनाडा से हवाई तक ब्रेस्टस्ट्रोक के जरिए चली आई. यह नजारा देखने के बाद वैज्ञानिक परेशान हो गए. रिसर्चर्स ने बताया कि जहाजों के टकराने से अक्सर व्हेल या ऐसी बड़ी मछलियों को चोट लग जाती है. लेकिन अब अगर वह वापस लौटना चाहेगी तो वो उसका यह आखिरी सफर हो सकता है. साथ ही वैज्ञानिकों का मानना है कि वह अब ज्यादा समय तक तैर भी नहीं पाएगी. इसलिए संभावना है कि वह जल्द ही मर सकती है.
नहीं दे सकते इच्छामृत्यु
वैज्ञानिको ने बताया कि जब भी वह महासागर में तैरती है तो उसकी दर्द भरी आवाजें दिल को विचलित कर देती है. उसे इस दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए सलाह भी दी गई कि अगर मून को यूथेनाइज (Euthanize) यानी इच्छामृत्यु दे दी जाए तो. पर इस पर वैज्ञानिकों का कहना है कि उसे मारा नहीं जा सकता क्योंकि मारने के लिए उसे बड़े पैमाने पर जहरीले पदार्थों का इस्तेमाल करना होगा. उससे वो तो मर जाएगी. लेकिन उसके शव को खाने वाली अन्य समुद्री जीवों पर भी बुरा असर होगा. उसकी दर्द भरी आवाजें उसकी पीड़ा को बयान कर रही है कि बेजूबान होते हुए वह कितनी पीड़ा के साथ जी रही.
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