Fathers day wishes 2023: मां अगर संस्कारों की खान कहलाती है तो पिता दुनिया से टक्कर लेने के लिए आपको उंगली पकड़कर चलना सिखाता है. भले ही वह आपको बढ़ता हुआ नहीं देख पाता लेकिन वह आपके हर कदम की कामयाबियों को जीते है. ऐसे में उस पिता की इच्छाओं को आज चंद लफ्जो में पिरों कर उन्हें सुनाएं और उनके दिन को खास बनाए.
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Fathers day wishes 2023: मां अगर घर की रौनक होती है तो पिता ताकत. भले ही वह पूरे दिन घर में नहीं रहता लेकिन घर की चिंता उसके चेहरे पर हमेशा बनी रहती है. जब बच्चे बड़े होकर अपने पैरों पर खड़े होते है तो पिता का सर गर्व से ऊंचा और सीना 36 इंच का हो जाता है. क्योंकि उसके बाजुओं में ढलती उम्र में खोती जान फिर से आ जाती है. मां अगर संस्कारों की खान कहलाती है तो पिता दुनिया से टक्कर लेने के लिए आपको उंगली पकड़कर चलना सिखाता है. भले ही वह आपको बढ़ता हुआ नहीं देख पाता लेकिन वह आपके हर कदम की कामयाबियों को जीते है. घर से निकलते हुए चेहरे पर मुस्कान जरूर होती है लेकिन स्कूटर पर बैठकर हेलमेंट ढके चेहरे की आंखे गिली होती है. चाहता है वो भी घर में तुम्हारे पैदा होने से लेके बढ़े होने तक के हर दिन को जिए लेकिन सपनों को देखने पर टैक्स नहीं लगता , उन्हें पूरा करने के लिए खुद को खरचना पड़ता है. जो पिता अपनी जवानी से लेकर बूढ़ापे तक करता है. ऐसे में उस पिता की इच्छाओं को आज चंद लफ्जो में पिरों कर उन्हें सुनाएं और उनके दिन को खास बनाए
छोटा था तो जिद करता था जुझसे
तेरी उंगली पकड़ कर चलना है सीखा
आज हूं जहां भी तेरी वजह से
मां से मैंने पूछा था बचपन में
पापा इतनी देर से घर क्यों आते है,
मां थोड़ी रुकी फिर बोलीं- तेरे सपनों के पंखों को उड़ान देते है
इसलिए घर लेट से आते है
नानी के घर जाते साथ थे पापा
लौटते पर आंखों में आंसू ले आते थे पापा
दिखाते नहीं हो तुम हमें लेकिन
दूर से हाथ हिलाते हुए आंखों को पोछ लेते थे तुम
अपने सपनों को भूला हमारे लिए जीते है
दुनिया से टक्कर लेने के लिए हमेशा साथ वो रहते है
दोस्त तो बहुत होते पर पाप दोस्त बहुत कम
साथ में खेलते है, लड़ते है फिर बच्चों की तरह एक दूसरे को मनाते है
बीमार जो हो जाता है बच्चा उसका
रातों की नीदें गायब हो जाती है
मां की तरह सिहरानें तो नहीं बैठता
लेकिन बस एक टक निहारते ही रहता है खड़ा