13 महीने के बच्चे को मिली परिवार की गलती की भयंकर सजा, मासूम की मौत देखकर कांप गई सबकी रूह
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13 महीने के बच्चे को मिली परिवार की गलती की भयंकर सजा, मासूम की मौत देखकर कांप गई सबकी रूह

Bharatpur News: मामला राजस्थान के भरतपुर संभाग के डीग जिले का बताया जा रहा है, जहां पर जनुथर थाना क्षेत्र के दांतलौठी गांव में 13 महीने के बच्चे की खौलते दूध में झुलस जाने की वजह से बड़ी दर्दनाक मौत हो गई. दिल को झकझोर कर रख देने वाली यह घटना 3 नवंबर को भाई दूज के दिन हुई थी. उस समय बच्चा अपने घर के आंगन में खेल रहा था और एक चूल्हे पर खौलता हुआ दूध गिर गया. 6 नवंबर की रात को बच्चे की मौत हो गई.

 

Bharatpur News - ZEE Rajasthan

Bharatpur News: अक्सर आपने सुना होगा कि जिस घर में भी बच्चे होते हैं, वहां पर लोगों को उनका खास ध्यान रखना होता है. बच्चों को नहीं पता होता है कि कब वह किस तरह से अपने आप को चोट पहुंचा लें. ऐसे में बड़ों की जिम्मेदारी होती है कि वह उनके आसपास रहें ताकि उन्हें किसी तरह का कोई नुकसान ना हो. 

वहीं, राजस्थान के भरतपुर जिले से एक ऐसी दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है, जिसमें परिवार की गलती की सजा एक 13 महीने के मासूम से बच्चे को मिली. बच्चे को ऐसी भयंकर और दर्दनाक मौत मिली है कि देखने वालों की भी रूह कांप गई है.

मामला राजस्थान के भरतपुर संभाग के डीग जिले का बताया जा रहा है, जहां पर जनुथर थाना क्षेत्र के दांतलौठी गांव में 13 महीने के बच्चे की खौलते दूध में झुलस जाने की वजह से बड़ी दर्दनाक मौत हो गई. दिल को झकझोर कर रख देने वाली यह घटना 3 नवंबर को भाई दूज के दिन हुई थी. उस समय बच्चा अपने घर के आंगन में खेल रहा था और एक चूल्हे पर खौलता हुआ दूध गिर गया. 6 नवंबर की रात को बच्चे की मौत हो गई.

बच्चों के दादा मनहोरी ने जानकारी देते हुए बताया कि 3 नवंबर को सुबह के समय करीब 10:00 बजे परिवार के सभी लोग घर के आंगन में मौजूद थे. एक चूल्हे पर 5 लीटर दूध को गर्म किया जा रहा था क्योंकि उससे मावा बनाया जाना था. इतने में वहां पर 13 महीने का बच्चा कार्तिक खेलते-खेलते चूल्हे के पास पहुंच गया. जब तक उसे पकड़ा जाता तब तक उसने कढ़ाही पर हाथ मार दिया. 

बच्चे के हाथ मारते ही कढ़ाही तुरंत पलट गई और सारा का सारा खौलता हुआ दूध मासूम से कार्तिक पर गिर गया. 5 लीटर दूध होने की वजह से बच्चे का शरीर करीब 90% जल गया और उसकी हालत खराब हो गई. 

केवल बचा था मुंह 
परिजनों ने आनन-फानन में तुरंत कार्तिक को कुम्हेर अस्पताल पहुंचाया. यहां से उसे भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में रेफर कर दिया गया. बच्चे के शरीर का ज्यादातर हिस्सा जल चुका था और उसका केवल मुंह बचा था. ऐसे में आरबीएम अस्पताल में इलाज के दौरान दो दिन तक तो डॉक्टर ने जद्दोजहद की लेकिन 13 महीने के मासूम कार्तिक की हालत को नाजुक देखते हुए उसे जयपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर कर दिया. 

आरबीएम अस्पताल के बर्न वार्ड के डॉक्टर के मुताबिक, बच्चे का बुखार लगातार बढ़ता ही जा रहा था. वहीं, उसके शरीर का ज्यादातर हिस्सा जल चुका था. ऐसे में उसकी स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर हो गई थी. जब बच्चे को जयपुर ले जाया जा रहा था तभी रास्ते में ही उसकी जान चली गई. 

बता दें कि मासूम से बच्चे कार्तिक के पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं और परिवार में उसके अलावा एक और 3 साल का भाई भी है. 13 माह के बच्चे की एक छोटी सी लापरवाही की वजह से हुई मौत ने पूरे परिवार को सदमे में डुबो दिया है.

 

 

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