'माधबी बुच घोटाला सिर्फ भेदिया करोबार नहीं बल्कि...', SEBI चीफ पर फिर राहुल का करारा प्रहार
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'माधबी बुच घोटाला सिर्फ भेदिया करोबार नहीं बल्कि...', SEBI चीफ पर फिर राहुल का करारा प्रहार

Rahul Gandhi Vs Madhabi Buch: गांधी ने कहा कि माधबी बुच घोटाला सिर्फ भेदिया करोबार नहीं है बल्कि यह हितों के सीधे टकराव का मामला है, जहां ताकतवर नियामक के उन्हीं कंपनियों के साथ रिश्ते हैं, जिन पर उनके निगरानी की जिम्मेदारी है. राहुल गांधी ने यह बयान यूट्यूब पर एक वीडियो के साथ पोस्ट किया है. 

'माधबी बुच घोटाला सिर्फ भेदिया करोबार नहीं बल्कि...', SEBI चीफ पर फिर राहुल का करारा प्रहार

SEBI Chief: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर शुक्रवार को जोरदार हमला बोला. राहुल ने आरोप लगाया कि कॉरपोरेट दिग्गजों का गिरोह भारत के आर्थिक ढांचे को भीतर से खोखला कर रहा है. जिन पर देश के हितों की रक्षा का जिम्मा है वे ही इसमें उनका साथ दे रहे हैं. 

'माधवी बुच घोटाला भेदिया कारोबार नहीं'

गांधी ने कहा कि माधबी बुच घोटाला सिर्फ भेदिया करोबार नहीं है बल्कि यह हितों के सीधे टकराव का मामला है, जहां ताकतवर नियामक के उन्हीं कंपनियों के साथ रिश्ते हैं, जिन पर उनके निगरानी की जिम्मेदारी है. राहुल गांधी ने यह बयान यूट्यूब पर एक वीडियो के साथ पोस्ट किया है. यह वीडियो उस सीरीज का हिस्सा है जिसमें वह और कांग्रेस के मीडिया-प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा बुच के खिलाफ हितों के टकराव के विभिन्न आरोपों पर चर्चा करते हैं. इस वीडियो और आरोपों पर बुच की ओर से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं आई है. 

सेबी की मुखिया बुच पर हितों के टकराव के आरोप हैं. हालांकि, वह अभी तक अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करती रही हैं. अपने पोस्ट में गांधी ने कहा, 'कॉरपोरेट दिग्गजों का एक गिरोह भारत के आर्थिक ढांचे को भीतर से खोखला कर रहा है और जिनपर देश के हितों की रक्षा करने का जिम्मा है वे ही इस गिरोह का साथ दे रहे हैं.'

'गलत तरीके से काम कर रह सेबी'

उन्होंने कहा, 'माधबी पुरी बुच घोटाला सिर्फ भेदिया कारोबार का मामला नहीं है बल्कि यह सीधे-सीधे हितों के टकराव का मामला है जहां शक्तिशाली नियामक उन्हीं कंपनियों के साथ शामिल है जिनकी निगरानी की जिम्मेदारी उन पर है.' उन्होंने कहा, 'इस एपिसोड में हमने यह दिखाने की कोशिश की है कि सेबी लीडरशिप किस गलत तरीके से काम कर रहा है. कैसे कॉरपोरेट जगत की बड़ी कंपनियों के साथ वित्तीय संबंध और किराये की व्यवस्था ने नियामक को उनके सहयोगियों में बदल दिया है.' 

गांधी ने कहा कि यह महज अनदेखी नहीं है बल्कि खामियों का फायदा उठाने, नियमों को खराब करने और सार्वजनिक हित की अपेक्षा कॉरपोरेट लाभ को प्राथमिकता देने की एक कॉर्डिनेटेड योजना है, जबकि आम भारतीय इसकी कीमत चुका रहे हैं.

हम सामने लाएंगे सच: राहुल

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'हम इन अनैतिक लेन-देन और यह सामने लाने करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि किस प्रकार भारत की संस्थाओं को विशेषाधिकार हासिल कर चुके दोस्तों की रक्षा के लिए हथियार बनाया गया है. यह केवल एकाधिकार के बारे में नहीं है; यह लोकतंत्र, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और प्रत्येक भारतीय की आवाज को सुरक्षित रखने के बारे में है.'
 
छह मिनट से अधिक के वीडियो में खेड़ा और गांधी को एक विमान में साथ यात्रा करते हुए दिखाया गया है और खेड़ा गांधी को बुच के खिलाफ हितों के टकराव के विभिन्न आरोपों के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं. खेड़ा ने बताया कि किस प्रकार कांग्रेस ने इस दावे को उजागर किया कि बुच के सेबी में शामिल होते ही ‘अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड’ ‘तुरंत डिएक्टिवेट’ हो गई. खेड़ा ने गांधी को बताया कि अब भी उनकी इसमें 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है और कंपनी ने महिंद्रा एंड महिंद्रा सहित अन्य को परामर्श/सलाह सेवाएं दी हैं.

कांग्रेस ने क्या आरोप लगाया?

उन्होंने गांधी को यह भी बताया कि बुच ने कथित तौर पर चीनी कोष में निवेश भी किया था. खेड़ा ने गांधी को बताया कि बुच ने 2018 से 2024 तक ‘वॉकहार्ट लिमिटेड’ की सहयोगी कंपनी ‘कैरोल इन्फो सर्विसेज लिमिटेड’ को एक संपत्ति किराये पर दी थी. वॉकहार्ट भेदिया कारोबार सहित कई मामलों में सेबी की जांच के दायरे में है. 

राहुल गांधी ने कहा, 'महाराजा क्या होता है? महाराजा वह होता है जिसका संस्थानों पर पूर्ण नियंत्रण होता है, मनमानी शक्ति होती है, कानूनी और खुफिया तंत्र को नियंत्रित करता है और वह यह सब लोगों के प्रतिनिधि के रूप में नहीं बल्कि अपने हित में करता है.' वीडियो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अरबपति गौतम अदाणी के बीच मुलाकात की तस्वीरें दिखाई गई हैं. गांधी ने ‘एक्स’ पर भी वीडियो साझा किया और कहा,'बुच है तो गिरोह सुरक्षित है.'

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