Rahul Gandhi Defamation Case: मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है और कहा है कि अगर उन्हें राहत मिली तो उनका आठ साल का करियर खत्म हो जाएगा.
Trending Photos
Rahul Gandhi appeals in Supreme Court: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) के 7 जुलाई के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है. उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की गुहार लगाते हुए कहा है कि यदि उस आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे 'स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य' का दम घुट जाएगा. बता दें कि गुजरात हाई कोर्ट ने मोदी सरनेम वाले कमेंट पर आपराधिक मानहानि (Defamation Case) मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और उनकी याचिका 7 जुलाई को खारिज कर दी थी.
राहत नहीं मिली तो खत्म हो जाएगा 8 साल का करियर: राहुल गांधी
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर अपनी याचिका में कहा कि यदि हाई कोर्ट के के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोकतांत्रिक संस्थानों को व्यवस्थित तरीके से बार-बार कमजोर करेगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा. उनकी याचिका में कहा गया है कि अत्यंत सम्मानपूर्वक यह दलील दी जाती है कि यदि विवादित फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो उनका आठ साल का करियर खत्म हो जाएगा. बता दें कि रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट के सेक्शन 8(3) के तहत दो साल की सजा के दौरान वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इसके साथ ही सजा पूरी करने के बाद अन्य 6 साल तक चुनाव लड़ने से वंचित रहेंगे.
इस मामले में तीन बार की गई है गलती: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि उनके बयान के लिए उन्हें दोषी ठहराने और दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करने की गलती तीन बार की गई है. राहुल गांधी ने ‘एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड’ प्रसन्ना एस. के जरिए अपील दायर की और याचिका में कहा कि यह और भी बड़ा कारण है कि सुप्रीम कोर्ट को जल्द से जल्द हस्तक्षेप करना चाहिए और नुकसान को रोकना चाहिए.
इस मामले में सुनाई गई थी राहुल गांधी को सजा
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उन्हें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से 24 मार्च को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इसके बाद सत्र अदालत ने 20 अप्रैल को राहुल गांधी की जमानत मंजूर कर ली थी, लेकिन दोषसिद्धि के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी.
बता दें कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी और कहा था, 'सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?' इसके बाद बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी.इस मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)