AAP सांसद राघव चड्ढा का राज्यसभा से निष्कासन जल्द होगा रद्द! सुप्रीम कोर्ट ने सुझाया रास्ता
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AAP सांसद राघव चड्ढा का राज्यसभा से निष्कासन जल्द होगा रद्द! सुप्रीम कोर्ट ने सुझाया रास्ता

Raghav Chadha Rajya Sabha Suspension: राज्यसभा से सस्पेंड चल रहे आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा का निलंबन जल्द खत्म हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर हुई सुनवाई में अदालत ने इसके लिए रास्ता सुझाया.

AAP सांसद राघव चड्ढा का राज्यसभा से निष्कासन जल्द होगा रद्द! सुप्रीम कोर्ट ने सुझाया रास्ता

Raghav Chadha Rajya Sabha Suspension Issue: राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ AAP सांसद राघव चड्ढा की ओर से दायर याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई. इस दौरान कोर्ट ने राघव चड्ढा के निलंबन के मुद्दे को हल करने के लिए दिशा सुझाई है. अदालत ने राज्यसभा अध्यक्ष और आप नेता राघव चड्ढा की मुलाकात के बाद निलंबन को निरस्त करने की सलाह दी. 

'सदन की गरिमा को कम करना उद्देश्य नहीं'

सुप्रीम कोर्ट में पेश राघव चड्ढा के वकील ने दलील दी कि सदन की गरिमा को प्रभावित करने का उनका कोई उद्देश्य नहीं था. जबकि वह उस सदन के खुद सम्मानित सदस्य हैं. वकील ने कहा कि वे राज्यसभा के अध्यक्ष से मुलाकात का प्रयास करेंगे, जिससे इस मामले में क्षमा मांगकर हल निकाला जा सके.

'सहानुभूतिपूर्ण निकले मामले का हल'

कोर्ट ने भी वकील की बात से इत्तेफाक जताया. अदालत ने उपाय सुझाया कि राघव चड्ढा को इस मामले में राज्यसभा चेयरमैन से मिलकर माफी मांगनी चाहिए. उसके बाद राज्यसभा के अध्यक्ष को सदन के तथ्य और परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में सहानुभूतिपूर्ण होकर इस मुद्दे का हल निकालना चाहिए. 

'राज्यसभा चेयरमैन से मिलें चड्ढा'

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने शुक्रवार को मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने निलंबित सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि AAP नेता की माफी पर राज्यसभा सभापति "सहानुभूतिपूर्वक" विचार करेंगे.

इस साल अगस्त में हुए थे सस्पेंड

बताते चलें कि राघव चड्ढा को इस साल अगस्त में राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने संसद की सेलेक्ट कमिटी में अपना नाम प्रस्तावित करवाने के लिए 5 साथी सांसदों के हस्ताक्षर बिना उनकी मंजूरी के कर दिए थे. इस मामले में संसद की विशेषाधिकार कमेटी अभी जांच कर रही है. वहीं चड्ढा ने इसे अपने संसदीय अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 

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