New Parliament Building Inauguration: भारत में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी घमासान तेज होता जा रहा है. उद्घाटन से पहले ही शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मोदी सरकार के सामने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.
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Sanjay Raut On New Parliament Inauguration: सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बने नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होने जा रहा है. जहां एक ओर इस कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं. वहीं दूसरी ओर नए संसद भवन को लेकर सियासी घमासान तेज होता जा रहा है. उद्घाटन से पहले ही शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने मोदी सरकार के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. शिवसेना (यूबीटी) के अलावा कई विपक्षी पार्टियों ने संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम को बहिष्कार करने का ऐलान किया है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर पहले भी सवाल किए हैं. जब देश की आर्थिक स्थिति सही नहीं है तब भी इस तरह के प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है.
संजय राउत का आरोप
संजय रावत ने आगे कहा कि नए संसद भवन को प्रधानमंत्री मोदी की इच्छा से बनाया गया है. बात वर्तमान संसद भवन की करें तो अभी यह 100 साल और चल सकता है. इसके अलावा वर्तमान संसद भवन की बिल्डिंग का ऐतिहासिक महत्व है. हालांकि, इस भवन का भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से कोई खास रिश्ता नहीं है. संजय रावत ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया है. संजय राउत ने आगे कहा कि आदिवासी महिला के नाम पर द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया गया लेकिन उन्हें संसद भवन के बाहर नहीं आने दिया जाता है.
नए संसद भवन की खासियत
आपको बता दें कि नए संसद भवन में ऐसी कई सुविधाएं मौजूद है जो वर्तमान संसद भवन में नहीं हैं. इसके अलावा ने संसद भवन के अंदरूनी हिस्से को देश के राष्ट्रीय पक्षी मोर के पंख की थीम पर डिजाइन किया गया है. यहां लोकसभा में 888 सीटें हैं, वहीं राज्यसभा में 384 सीटें हैं. वर्तमान संसद भवन में लोकसभा की 550 सीटें हैं. जबकि, राज्यसभा में 250 सीटें है. नए संसद भवन को बनाने का काम टाटा प्रोजेक्ट को दिया गया था. वहीं इसे डिजाइन करने का श्रेय बिमल पटेल को जाता है.