Indian Agriculture: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में किसानों की उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करके उन्हें 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साल उर्वरक रियायत पर 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किये.
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Narendra Modi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार कृषि क्षेत्र और किसान कल्याण के लिए सालाना 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है. प्रधानमंत्री ने देश को खाद्य तेलों के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाये जाने की बात कही.
पीएम मोदी ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस’ पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री किसान योजना,एमएसपी और उर्वरकों में रियायत जैसी अपनी सरकार के कार्यों को भी रेखांकित किया.’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में किसानों की उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करके उन्हें 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साल उर्वरक रियायत पर 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किये.
प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरे शब्दों में सरकार कृषि और किसानों पर प्रति वर्ष लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
पीएम मोदी डॉक्टरों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के योगदान को सराहा
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस’ के मौके पर चिकित्सकों के योगदान की सराहना की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर, मैं पूरे डॉक्टर समुदाय के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. यहां तक कि सबसे अभूतपूर्व समय में भी, चिकित्सकों ने उच्चतम स्तर के साहस, निस्वार्थता और दृढ़ता का उदाहरण पेश किया है. उपचार से परे उनका समर्पण हमारे समाज को उम्मीद और मजबूती देता है.’
प्रसिद्ध चिकित्सक बिधान चंद्र रॉय की याद में एक जुलाई को ‘राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस’ मनाया जाता है. रॉय पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री भी रहे थे. उनका जन्मदिन और पुण्यतिथि इसी दिन पड़ती है. एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘चार्टर्ड अकाउंटेंट दिवस’ पर इन पेशेवरों की सेवाओं की भी सराहना की.
बता दें‘इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’ (आईसीएआई) की स्थापना एक जुलाई 1949 को हुई थी.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘चार्टर्ड अकाउंटेंट दिवस पर, हम एक ऐसे पेशेवर समुदाय का सम्मान करते हैं जो हमारे देश के प्रमुख वित्तीय वास्तुकारों में से एक है. उनका विश्लेषणात्मक कौशल और दृढ़ प्रतिबद्धता हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है. उनकी विशेषज्ञता एक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में मदद करती है.’
(इनपुट - न्यूज एजेंसी: भाषा)