Sanatana Dispute: सनातन धर्म और इंडिया विवाद पर PM मोदी ने मंत्रियों को दी हिदायत, कहा- जरूरत हो तभी बोलें
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Sanatana Dispute: सनातन धर्म और इंडिया विवाद पर PM मोदी ने मंत्रियों को दी हिदायत, कहा- जरूरत हो तभी बोलें

India Vs Bharat Row: उदयनिधि स्टालिन और मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे के सनातन धर्म विरोधी बयानों के बाद देश में एक नई बहस छिड़ गई है. इस मामले पर पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों को ज्यादा न बोलने की हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों की इस मुद्दे पर भाषा संयमित होनी चाहिए. 

Sanatana Dispute: सनातन धर्म और इंडिया विवाद पर PM मोदी ने मंत्रियों को दी हिदायत, कहा- जरूरत हो तभी बोलें

Sanatana Dharma BJP: देशभर में सनातन विवाद पर चल रही बहस के बीच बुधवार को पीएम मोदी ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है. सूत्रों के हवाले से बताया गया कि पीएम मोदी ने मंत्रियों को हिदायत दी है कि इस विवाद पर ज्यादा बोलने से बचें.

हालांकि उन्होंने कहा कि सनातन पर सरकार के मंत्री बोंलेगे, इसका उचित और समुचित जवाब देना चाहिए, लेकिन भाषा संयमित हो. साथ ही पूरे तथ्यों के साथ जवाब दिए जाने चाहिए. यह भी बताया गया कि पीएम मोदी ने देश का नाम बदलने पर भी ज्यादा ना बोलने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि केवल अधिकृत लोग ही इस विवाद पर बोलें.

स्टालिन के बयान से शुरू हुआ विवाद

सनातन धर्म विवाद उस वक्त शुरू हुआ, जब तमिलनाडु के युवा कल्याण एवं खेल मंत्री उदयनिधि ने स्टालिन ने दो सितंबर को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी.

उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस संक्रमण, डेंगू और मलेरिया से करते हुए इसे खत्म किए जाने की वकालत की थी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने उदयनिधि के इस बयान का समर्थन किया था. इसके बाद बीजेपी ने स्टालिन और खड़गे के बेटे का जमकर विरोध किया था. 

यूपी में दर्ज हुआ मुकदमा

उदयनिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं. उनके और प्रियांक खड़गे के खिलाफ उत्तर प्रदेश के रामपुर में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है. पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि अधिवक्ता हर्ष गुप्ता और राम सिंह लोधी ने रामपुर की सिविल लाइंस कोतवाली में मंगलवार शाम यह मुकदमा दर्ज कराया था. सूत्रों के मुताबिक, मुकदमे में उदयनिधि और प्रियांक पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और समाज में द्वेष फैलाने का आरोप लगाया गया है.

दूसरी ओर, हाल ही में एक खबर आई, जिसमें दावा किया गया कि केंद्र सरकार आगामी 18 से 22 सितंबर के दौरान होने वाले संसद के विशेष सत्र में एक बिल ला सकती है, जिसमें संविधान में संशोधन कर इंडिया शब्द को हटाया जा सकता है. हालांकि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसका खंडन किया है. विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला. वहीं मंत्रियों और सांसदों ने भी इस पर बयान दिए हैं. 

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