यहां हम बात कर रहे हैं उन IAS अफसर की जिन्होंने हिंदी मीडियम से यूपीएससी न सिर्फ क्रैक की बल्कि टॉपर भी रहे हैं
यहां हम बात कर रहे हैं उन IAS अफसर की जिन्होंने हिंदी मीडियम से यूपीएससी न सिर्फ क्रैक की बल्कि टॉपर भी रहे हैं
जैसा कि आप जानते ही हैं कि यूपीएससी करके आईएएस बनना लाखों लोगों का सपना होता है, साथ ही इस परीक्षा में हिंदी मीडिम वालों की राह इंग्लिश मीडियम वालों से कठिन है माना जाता है कि उनका सेलेक्शन कम होता है.
आपको बता दें कि इस धारणा को कई आईएएस अधिकारियों ने तोड़ा दिया है, साथ ही आपको बता दें कि कुछ आईएएस अधिकारियों ने हिंदी मीडिम से होने के साथ भी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की है.
आपको बता दें कि आईएएस गौरव बुडानिया ने 2020 में यूपीएससी परीक्षा में 13वीं रैंक के साथ पास की थी, गौरव बुडानिया राजस्थान के चूरू जिले के एक सामान्य परिवार के हैं. गौरव ने बीएचयू से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है साथ ही इसके बाद सोशियोलॉजी में मास्टर्स किया है. गौरव बुडानिया ने हिंदी मीडियम से आईएएस परीक्षा पास कर ली थी
जानकारी के लिए बता दें कि गंगा सिंह राजपुरोहित ने 2016 में यूपीएससी परीक्षा में 33वीं रैंक हासिल कर ली थी, गंगा सिंह राजपुरोहित राजस्थान के बाड़मेर जिले से हैं आपको बता दें कि गंगा सिंह राजपुरोहित ने बीएससी करने के बाद आईएएस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी, साथ ही न्होंने NCERT किताबों से पढ़ाई की है.
आईएएस गौरव सिंह सोगरवाल राजस्थान के भरतपुर के हैं साथ ही उनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ है, आपको बता दें कि गौरव सिंह सोगरवाल ने पुणे की भारती विद्यापीठ से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री साथ ही हिंदी मीडिम से 46वीं रैंक के साथ IAS बन गए थे.
आईएएस अनुराधा पाल एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं, साथ ही उनके पिता दूध विक्रेता थे, आपको बता दें कि अनुराधा पाल ने जवाहर नवोदय विद्यालय से स्कूलिंग पूरी कि साथ ही उत्तराखंड में ही गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की है. हिंदी मीडिम से ही आईएएस अनुराधा पाल ने 2012 में आईएएस परीक्षा में 451वीं रैंक हासिल कर ली थी.
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