राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार ( 28 जनवरी) को बीटिंग रिट्रीट समारोह हुआ. इस दौरान रायसीना हिल्स पर सामूहिक बैंड के ‘शंखनाद’ से लेकर नौसेना के मधुर ‘मिशन चंद्रयान’ की धुनें गूंजती रहीं.
विजय चौक पर आयोजित यह भव्य कार्यक्रम गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक है. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल हुए.
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख - जनरल मनोज पांडे, एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी और एडमिरल आर. हरि कुमार - भारत के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए.
आम जनता भी इस शानदार समारोह को देखने पहुंची. समारोह शाम करीब सवा पांच बजे शुरू हुआ. राष्ट्रपति मुर्मू पारंपरिक ‘बग्गी’ में सवार होकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं. इससे समारोह का पुराने दौर का आकर्षण लौट आया, जिसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी. इस शानदार समारोह की शुरुआत सामूहिक बैंड के ‘शंखनाद’ से हुई, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया.
सीएपीएफ बैंड ने अन्य धुनों के बीच ‘भारत के जवान’ और ‘विजय भारत’ भी बजाया. युवा और बुजुर्गों समेत तमाम दर्शकों ने बैंड के प्रस्तुति पर खुशी मनाई और समारोह के अंत में कई लोगों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाए. इसके बाद भारतीय वायु सेना के बैंड ने ‘स्वदेशी’, ‘रेजॉइस इन रायसीना’ और ‘टाइगर हिल’ जैसी धुनों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
कुछ सदस्यों ने रोशनी से सजे वाद्य उपकरण ले रखे थे जो कभी-कभी तिरंगे की थीम में चमकते थे. ‘रघुपति राघव राजा राम’ की धुन ने दर्शकों को प्रभावित किया. यह कार्यक्रम ‘सारे जहां से अच्छा’ की बेहद लोकप्रिय धुन के साथ संपन्न हुआ. शाम को रायसीना हिल्स परिसर जीवंत रंगों की रोशनी से चकाचौंध नजर आया.
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