Pakistan को जम्मू-कश्मीर में भारत के इस कदम से लगी मिर्ची! खुद कुरेद लिया ये जख्म
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Pakistan को जम्मू-कश्मीर में भारत के इस कदम से लगी मिर्ची! खुद कुरेद लिया ये जख्म

G20 In Jammu Kashmir: पाकिस्तान (Pakistan) को जी-20 बैठक का कश्मीर में होना बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रहा है. दाने-दाने को मोहताज पाकिस्तान ने अपने देश की फ्रिक की जगह जी-20 बैठक पर रिएक्शन दिया है.

Pakistan को जम्मू-कश्मीर में भारत के इस कदम से लगी मिर्ची! खुद कुरेद लिया ये जख्म

Jammu-Kashmir G20: भारत (India) ने जी-20 (G-20) की एक बैठक का आयोजन श्रीनगर में रखा है. इसके अलावा लेह और श्रीनगर में Y-20 यानी G-20 देशों के युवा प्रतिनिधियों की दो और बैठकें भी होनी हैं. इन बैठकों को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) को मिर्ची लग गई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रीलीज जारी की है, जिसमें वो इन बैठकों को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में आयोजित करने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहा है. वैसे पाकिस्तान जैसे देश की नाराजगी का कोई मतलब नहीं है. लेकिन जब भारत के किसी कदम से पाकिस्तान जैसे आतंकवाद पोषित देश परेशान होते हैं तो ये खुशी की बात है. देखा जाए तो पाकिस्तान इस बात से परेशान है कि दुनिया के ताकतवर देश के प्रतिनिधि कश्मीर में आकर बैठक करेंगे, उस कश्मीर में जिसका रोना, पाकिस्तान लगभग हर मंच पर रो चुका है. रोने से याद आया कि पाकिस्तान में अपने लोगों को खिलाने के लिए दाने नहीं हैं. पाकिस्तान में लोग परेशान हैं कि उन्हें आटा, दाल, चावल जैसे खाने-पीने की चीजें भी मयस्सर नहीं हैं. बावजूद इसके कंगाल पाकिस्तान, कश्मीर पर झूठे आंसू बहाना कभी नहीं भूलता.

पाकिस्तान का दर्द आया सामने

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रेस रिलीज में उसका दर्द दिखा. श्रीनगर में जी-20 की बैठक आयोजित करवाने वाले भारत के कदम से वो नाराज है. अब इस नाराजगी पर भारत यही कह सकता है कि पाकिस्तान के गुस्से से हमको क्या. हमें तो कश्मीर के खुशनुमा तस्वीरें दुनिया को दिखानी है. हमें तो कश्मीर पर बोले गए पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करना है. अब चाहे पाकिस्तान इस पर चिढ़े, गुस्सा हो जाए या मुंह फेर ले. मुंह फेरने से याद आया कि पाकिस्तान के हालात ये है कि उससे IMF मुंह फेर चुका है, उससे तो उधार देने वाले दोस्तों ने किनार कर लिया.

पाकिस्तान ने बहाए घड़ियाली आंसू

खैर, इसी प्रेस रिलीज में पाकिस्तान ने आगे और अपने घड़ियाली आंसू बहाए हैं. पाकिस्तान ने इसी प्रेस रिलीज में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, यूएन चार्टर और ना जाने कितने ही नाम लेकर झूठे आंसू बहाए हैं. पाकिस्तान को पता है कि जो भी देश भारत आ रहे हैं, वो पाकिस्तान के कश्मीर पर बोले जा रहे झूठ को पहचान चुके हैं. लेकिन पाकिस्तान अपने देश के लोगों को ये बताने की कोशिश कर रहा है कि भले ही वो उन्हें रोटी ना खिला पाता हो, लेकिन कश्मीर पर रो-रोकर वो भीड़ इकट्ठा करना जानता है. लेकिन अफसोस पाकिस्तान की इस तरह की सारी कोशिशें नाकाम होती हैं.

खुद ही कुरेद दिए अपने जख्म!

इस प्रेस रीलीज में वो जम्मू-कश्मीर को विवादित बताकर, अपने ही जख्म कुरेद रहा है, क्योंकि पूरी दुनिया जान गई है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, जिसमें से कुछ हिस्से पर पाकिस्तान अवैध रूप मौजूद है. PoK एक ऐसी जगह है जैसे किसी जमीन पर बाहर से आए कुछ लोग झोपड़ी बना लें और दावा करें ये जमीन उनकी है. पाकिस्तान ने शायद ऐसी रणनीति अपने गहरे दोस्त चीन से सीखी होगी, जिसकी विस्तारवादी नीति, कुछ-कुछ ऐसी ही होती है.

श्रीनगर में होने वाली जी-20 की मीटिंग को लेकर पाकिस्तान में खलबली है. पाकिस्तानी टीवी चैनल्स पर भी श्रीनगर में होने वाली मीटिंग को लेकर गर्मागर्म चर्चाएं हो रही हैं. पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक इन चर्चाओं में खुले तौर पर स्वीकार कर रहे हैं कि इन बैठकों को लेकर पाकिस्तान कुछ नहीं कर सकता है. पाकिस्तान जब जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रोपेगेंडा फैलाता है, तो उसपर हंसी आती है. पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो भारत के खिलाफ कश्मीर की बदनामी वाला एजेंडा चला रहा है, लेकिन जिस हिस्से पर उसने कब्जा किया हुआ है, उसका 5 हजार वर्ग किलोमीटर का हिस्सा चीन के हवाले कर चुका है.

वर्ष 1963 में पाकिस्तान ने चीन के साथ एक समझौता किया था. इस समझौते के मुताबिक, PoK की शक्सगम घाटी का 5 हजार वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र चीन को दे दिया था. पाकिस्तान ने चीन के आगे सिर झुकाते हुए, शांति समझौते के नाम पर ये जमीन चीन को दे दी थी. उसे डर था कि 1962 में भारत-चीन युद्ध की तरह, चीन, सीमा विवाद के नाम लेकर पाकिस्तान पर हमला ना कर दे.

वर्ष 1962 युद्ध में भले ही भारत, चीन के आगे युद्ध में बहुत दिन नहीं टिका, लेकिन उसने पाकिस्तान की तरह अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया. पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार तो इतना डर गई कि उसने युद्ध से बचने के लिए PoK की जमीन ही चीन को दे दी. पाकिस्तान को भारत जैसे स्वाभिमानी देश को ज्ञान नहीं देना चाहिए. बल्कि उसे अपने इतिहास में झांक कर देखना चाहिए. कश्मीर के हित के नाम पर झूठ फैलाने वाले देश पाकिस्तान को PoK और पाकिस्तान के लोगों को बताना चाहिए, उसने चीन को जमीन क्यों दी.

भारत का बढ़ता कद, पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के लिए चिंता का विषय है. भारत मजबूत होगा, तो पाकिस्तान छोड़िए, चीन के लिए भी उसपर दबाव बनाना और ज्यादा कठिन होता जाएगा. यही वजह है कि G-20 को लेकर चीन से पाकिस्तान ज्यादा परेशान हैं. वैश्विक शक्ति के खेल में भारत, पाकिस्तान से बहुत आगे निकलता जा रहा है, और दूसरी तरफ पाकिस्तान, के नाकाम मुल्क की तरह दिवालिया होने की कगार पर पहुंचने लगा है.

आज पाकिस्तान में महंगाई इतनी है कि वहां कई तबके, खाने पीने की सामान्य चीजें भी खरीदने के हालत में भी नहीं हैं. स्थिति ये है कि जिनके पास पैसे हैं, वो भी कई सामान नहीं खरीद पा रहे हैं, क्योंकि वो उपलब्ध ही नहीं है. पाकिस्तान में महंगाई दर 32 प्रतिशत है और खाद्य महंगाई दर मार्च 2023 में 50.2 प्रतिशत थी. स्थिति ये है कि आज पाकिस्तान में 1 किलो आटा, 160 रुपये से ज्यादा में बिक रहा है. पाकिस्तान में 1 दर्जन केले 500 रुपये के मिल रहे हैं. रमजान के महीने में सेब 450 रुपये और प्याज 400 रुपये किलो मिल रहे हैं.

ये महंगाई एक ऐसे समय में है, जब रमजान का महीना चल रहा है. आप पाकिस्तान की आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाइए कि रमजान के महीने में उनकी जेब पर कितना बोझ पड़ा है और इसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान के हुक्मरान हैं. कई इलाके तो ऐसे हैं जहां पर लोगों को आटा मिल ही नहीं रहा है क्योंकि आटा, पाकिस्तान में खत्म हो रहा है. पाकिस्तान सरकार ने लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए मुफ्त आटा देने की घोषणा कर दी थी. इसमें उन्होंने कुछ जगह पर आटा मुफ्त में बांटा. जहां इस योजना के तहत आटा दिया गया, वहां के हालात की कुछ तस्वीरें हम आपको दिखाना चाहते हैं.

आटे के लिए मची इस तरह भगदड़ में करीब 22 लोगों की मौत हो चुकी है. सोचिए आटे के लिए पाकिस्तान में लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है. जिस शहबाज सरकार को अपनी जनता को राहत पहुंचाने के लिए कदम उठाने चाहिए, वो कश्मीर में जी-20 ना हो, इसके लिए रुदाली बन गया है. IMF ने इस वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान की GDP ग्रोथ 0.50 प्रतिशत बताई है. मतलब ये है कि पाकिस्तान की हालत और ज्यादा खराब होने की संकेत मिल गए हैं, जबकि IMF का भारत के लिए उसका आंकलन 5.9 प्रतिशत का है.

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हुआ है, उसमें अब मात्र 34 हजार 440 करोड़ रुपये रह गया है. इतने पैसों में पाकिस्तान केवल दो हफ्ते का आयात कर सकता है. पाकिस्तानी के विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति की तुलना अगर हमने भारत के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी से करें तो, उनकी नेटवर्थ 6 लाख 985 हजार करोड़ रुपये है, जो पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा भंडार से करीब 20 गुना ज्यादा है.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 47 लाख 43 हजार करोड़ रुपये है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार से 138 गुना ज्यादा है. भारत अपने विदेशी मुद्रा भंडार से लगातार 10 महीनों तक विदेशों से आयात कर सकता है, जबकि भारत को अपने निर्यात और FDI से विदेशी मुद्रा लगातार आती रहती हैं. इसीलिए भारत को विदेशी मुद्रा का संकट नहीं होने वाला है. इस साल पाकिस्तान सरकार की कमाई का 50 प्रतिशत हिस्सा केवल विदेशी कर्ज का ब्याज चुकाने में ही चला जाएगा. सोचिए पाकिस्तान सरकार की टैक्स वगैरह से होने वाली कमाई, देश के लोगों के काम नहीं आएगी, बल्कि वो विदेशों से लिए गए उधार का ब्याज चुकाने में चली जाएगी.

पाकिस्तान सरकार अपने मूलभूत खर्चे निकालने के लिए कई ऐसे कदम उठा रही है, जो एक राष्ट्र के तौर पर उसके लिए शर्मनाक स्थिति है. पाकिस्तान सरकार के कैबिनेट मंत्रियों और उनके सलाहकारों की तनख्वाह बंद कर दी गई है, मंत्रियों की गाड़ियां वापस ले ली गई हैं. सरकार में शामिल नेताओं की सुरक्षा में कटौती की गई है. मंत्रियों को कहा जा रहा है कि वो हवाई जहाज की यात्रा बंद करें. उनसे ये भी कहा गया है कि अगर बहुत जरूरी हो तो इकोनॉमी क्लास में सफर करें. इसके अलावा मंत्रियों को ये भी कहा जा रहा है कि अपने विभाग की बैठकें वीडियो कॉल पर करें ताकि आने जाने और ठहरने का खर्च बंद हो. इसके अलावा बिजली की खर्च कम करने के लिए पाकिस्तान के मॉल्स को साढ़े 8 बजे बंद करने का निर्देश दिया गया है.

देश के आर्थिक हालात सुधारने के लिए फिजूल खर्ची बंद करना एक अच्छी बात है. लेकिन पाकिस्तान में ऐसी नौबत आ गई है कि जरूरी खर्च भी बंद कर दिए जा रहे हैं. IMF से पाकिस्तान सरकार, अपना देश चलाने के लिए लगातार कर्ज मांग रहा है, लेकिन वो मना करते चले आ रहे हैं. स्थिति ये है कि IMF की हर शर्त पाकिस्तान को माननी पड़ रही है. IMF की शर्तों मानते हुए पाकिस्तान सरकार, पेट्रोल-डीजल से दाम बढ़ाने को राजी है, टैक्स बढ़ाने के राजी है, जनता को दी जा रही सब्सिडी खत्म करने के लिए भी राजी हो गई है. यानी देखा जाए तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था IMF चला रही है. जिस देश की अर्थव्यवस्था विदेशी संस्था चला रही हो, वो देश कश्मीर के नाम पर झूठ परोसकर रोता है. पाकिस्तानी की ये हरकतें देखकर हंसी आती है. पाकिस्तान सरकार से अपना देश संभाला नहीं जा रहा है, और दुनियाभर में कश्मीर के नाम पर प्रोपेगेंडा फैलाने में लगी हुई है.

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