Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा में आज यानी शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व अजित पवार सहित सत्तारूढ़ दलों के कई सदस्यों ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली. हालांकि दूसरी तरफ विपक्षी विधायकों ने शपथ लेने से इनकार कर दिया.
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Maharashtra: महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (MVA) के सदस्यों ने राज्य के चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए शनिवार को विधानसभा के तीन दिवसीय स्पेशल सेशन के पहले दिन विधायक के तौर पर शपथ नहीं लेने का फैसला किया. राज्य विधानमंडल के निचले सदन का विशेष सत्र आज यहां सुबह 11 बजे शुरू हुआ. हालांकि दूसरी तरफ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व अजित पवार सहित सत्तारूढ़ दलों के कई सदस्यों ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली.
विपक्षी दल कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के सदस्यों ने शपथ नहीं लेने का फैसला किया. विधान भवन परिसर में शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा,'एमवीए ने आज सदन की सदस्यता की शपथ नहीं लेने का फैसला किया है. जब कोई सरकार इतने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आती है तो जश्न मनाया जाता है. सवाल उठता है कि उसे जो जनादेश मिला है, वह जनता ने दिया है या ईवीएम और भारत निर्वाचन आयोग ने.'
#WATCH | Mumbai: Shiv Sena UBT leader Aaditya Thackeray says, "We boycotted the oath-taking ceremony today as democracy is being murdered by the use of EVMs...This (the results of the Maharashtra Assembly elections) is not the mandate of the public it is the mandate of EVM and… pic.twitter.com/3dPx3gvvFM
— ANI (@ANI) December 7, 2024
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष सोलापुर के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के मरकडवाडी गांव में कर्फ्यू और गिरफ्तारियों का भी विरोध कर रहा है, जहां ग्रामीणों ने मतपत्रों के जरिए 'दोबारा चुनाव' की मांग की है. उन्होंने कहा,'हम शपथ नहीं ले रहे हैं, लोगों के मन में जो शंकाएं हैं उन पर संज्ञान ले रहे हैं.'
कांग्रेस के नाना पटोले और एनसीपी के जितेंद्र आव्हाड समेत अन्य सीनियर विपक्षी नेताओं ने सत्तारूढ़ गठबंधन के 'अलोकतांत्रिक रवैये' पर चिंता जताई और ईवीएम के बजाय मतपत्रों का इस्तेमाल कर चुनाव कराने की मांग दोहराई. कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया, 'नतीजों ने सवाल खड़े कर दिए हैं, पूरी प्रक्रिया ही दागदार लग रही है. लोग नाखुश हैं और कुछ गड़बड़ लग रही है.'
20 नवंबर को हुए चुनाव में भाजपा, एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट और अजित पवार के एनसीपी गुट से मिलकर बने महायुति गठबंधन ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतीं. इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि 5 दिसंबर को शिंदे और श्री पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. नतीजों की बात करें तो भाजपा के खाते में 132, एकनाथ शिंदे की शिवसेना 57 और अजित पवार की NCP ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी.