कुमारस्वामी जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे तो उन्हें कांग्रेस ने ही समर्थन दिया था और सरकार बनवाई थी. हालांकि, बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बहुमत के बाद पार्टी ने जेडीएस को गठबंधन में शामिल नहीं किया. चुनाव के बाद कुमारस्वामी ने बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने के संकेत दिए हैं.
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Opposition Meeting: कर्नाटक में कांग्रेस की जनता दल (सेक्युलर) से बेरुखी का फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलता नजर आ रहा है. बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक से पहले कांग्रेस का जेडीएस प्रमुख एचडी कुमारस्वामी से मुंह मोड़ लेने का फैसला, आने वाले लोकसभा चुनावों में बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है.
कुमारस्वामी जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे तो उन्हें कांग्रेस ने ही समर्थन दिया था और सरकार बनवाई थी. हालांकि, बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बहुमत के बाद पार्टी ने जेडीएस को गठबंधन में शामिल नहीं किया. चुनाव के बाद कुमारस्वामी ने बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने के संकेत दिए हैं.
बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी बैठक के सवाल पर उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने कभी उन्हें अपना हिस्सा माना ही नहीं. ऐसे में अगर बीजेपी से गठबंधन की बात होती है तो उस पर विचार कर सकते हैं. इसी के साथ उन्होंने विपक्षी दलों की बैठक में जाने के सवाल को सिरे से खारिज कर दिया.
इधर, बीजेपी के वरिष्ठ नेता बसवराज बोम्मई ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जनता दल (सेक्युलर) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने के संबंध में बातचीत का संकेत दिया. पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि चर्चा के नतीजे भविष्य के राजनीतिक घटनाक्रम को निर्धारित करेंगे. जेडीएस के राजग में शामिल होने की संभावना पर एक सवाल के जवाब में बोम्मई ने कहा, ‘‘यह हमारे नेतृत्व और जेडीएस अध्यक्ष एच डी देवेगौड़ा के बीच चर्चा पर निर्भर करता है.’’
राज्य में सत्ता पर काबिज कांग्रेस ने कहा कि जेडीएस पर भाजपा की ‘बी-टीम’ होने का उसका आरोप अब साबित हो गया है. कांग्रेस ने घटनाक्रम पर कटाक्ष करते हुए जेडीएस को ‘‘अवसरवादी पार्टी’’ बताया, जो सत्ता के लिए किसी के भी साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार है.
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि जद(एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने कुछ भावनाएं व्यक्त की हैं और उस दिशा में चर्चा जारी रहेगी. उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य का राजनीतिक घटनाक्रम उन चर्चाओं के नतीजों पर आधारित होगा.’’
हाल में, भाजपा और जद(एस) के नेताओं की ओर से लोकसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के बीच सहमति बनने के पर्याप्त संकेत मिले हैं. भाजपा के कद्दावर नेता बी एस येदियुरप्पा ने कहा था कि उनकी पार्टी और जद(एस) साथ मिलकर राज्य में कांग्रेस सरकार से लड़ेंगे. कुमारस्वामी ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी समझौते का फैसला समय पर लिया जाएगा.
ऐसी खबरें आई थीं कि कुमारस्वामी ने नयी दिल्ली की अपनी हालिया यात्रा के दौरान भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी. भाजपा ने कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनावों में राज्य की कुल 28 सीट में से 25 सीट पर जीत दर्ज की, जबकि एक सीट पर उसके समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की. कांग्रेस और जद(एस) ने एक-एक सीट हासिल की.
स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रमुख दिनेश गुंडू राव ने कहा, ‘‘हमने कई बार कहा है कि जेडीएस भाजपा की बी-टीम है. अब, कुमारस्वामी यह प्रदर्शित करने जा रहे हैं कि हमारे शब्द सच हैं.’’ उन्होंने कहा कि जेडीएस की कोई विचारधारा नहीं है. उन्होंने कहा, जेडीएस की कौन सी विचारधारा है जो सांप्रदायिक पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन करने जा रही है? यह एक अवसरवादी पार्टी है.’’