Conversion in India Mughal Rule: मुगल बादशाहों के दौर में हिंदुओं पर हुए अत्याचारों की लंबी कहानी है. धर्मांतरण हो या महिलाओं के साथ हुए अत्याचार किसी भी बादशाह के जमाने में कम नहीं हुए.
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Shahjahan History in India: यूं तो अधिकांश इतिहासकारों ने बाकी मुगल बादशाहों की तरह शाहजहां (Shah Jahan) के बारे में भी सबकुछ अच्छा-अच्छा लिखा है. पर कुछ ऐसे भी हुए हैं जिन्होंने उसकी अंदरूनी शख्सियत पर रोशनी डालते हुए उसकी मानसिकता को उजागर किया है. शाहजहां के बारे में कहा जाता है कि उसने फतेहपुर सीकरी के इलाके पर कब्जा जमाने के बाद आगरा में बड़े पैमाने पर हिंदुओ का कत्ल करवाया था. शाहजहां की सेना ने बर्बरता का परिचय देते हुए उन हिंदुओं को भयानक यातना देते हुए मरवा दिया जो अपना धर्म छोड़ने को तैयार नहीं थे. उसने बहुसंख्यक हिंदुओं से उनके बचाए धन और संपत्ति को छीन लिया और सैकड़ों महिलाओं का उत्पीड़न करते हुए अपने हरम की आग में धकेल दिया.
'इस्लाम अपनाओ या मर जाओ'
'दि लीजेसी ऑफ मुस्लिम रूल इन इंडिया’ के लेखक के एस लाल ने लिखा है कि शाहजहां खून बहाने और अत्याचार करने के मामले में तैमूर लंग को अपना आदर्श मानता था. इसलिए उसने अपना नाम ‘तैमूर द्वितीय’ ही रख लिया था. तैमूर लंग के अत्याचारों की भयावहता से इतिहास के पन्ने पटे पड़े हैं. ऐसे में तैमूर को आदर्श मानने वाले से हिंदुओं के प्रति उदार होने की उम्मीद वैसे भी नहीं की जा सकती है.
1632 में शाहजहां कश्मीर से अपनी राजधानी लौट रहा था. तभी रास्ते में उसे बताया गया कि अनेकों मुस्लिम बनाई गई महिलाएं ‘घर वापसी’ करते हुए फिर से हिंदू हो गईं हैं और उन्होंने हिंदू परिवारों में शादी कर ली है. तब उसने कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया. तब शहंशाह के आदेश पर उन सभी हिंदुओं को बंदी बना लिया गया. उन पर इतना जुर्माना थोपा गया कि उनमें से कोई उसे चुका ही नहीं सका. डा. आर.सी. मजूमदार के मुताबिक तब उन लोगों को इस्लाम स्वीकार कर लेने और मृत्यु में से एक चुन लेने का विकल्प दिया गया था.
महिलाओं से दरिंदगी
जिन्होनें धर्मान्तरण स्वीकार नहीं किया, उनका सिर काट दिया गया. हजारों महिलाओं को जबरन मुसलमान बना लिया गया और उन्हें सिपहसालारों, अफसरों और शहंशाह के नजदीकी लोगों और रिश्तेदारों के हरम में भेज दिया गया. शाहजहां के राज में कट्टर इस्लामिक कानून का राज था. आगरा में एक दिन में उसने कई हिंदुओं को मौत के घाट उतरवा दिया था.
विवादों में थी नीतियां
शाहजहां की धार्मिक नीतियां लगातार विवादों में रहीं. उसने हिंदुओं की तीर्थयात्रा पर भारी कर लगाए. उसका फोकस ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस्लाम में लाने पर था. वहीं ये भी कहा जाता है कि हिंदुओं को मुसलमान बनाने के लिए इस मुगल बादशाह के राज में एक अलग विभाग बना हुआ था. इस बात का जिक्र कई जगहों पर मिलता है.
पुरखों का फैसला बदला
अकबर ने उन किसानों के परिवारों को गुलाम बनाने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो लगान नहीं दे पाए थे. शाहजहां ने इस प्रथा को फिर से चालू कर दिया. किसानों को लगान देने के लिए उनकी महिलाओं को बेचने पर मजबूर किया जाने लगा. कहा जाता है कि शाहजहां का ये आदेश था कि इन औरतों को हिंदुओं के हाथ न बेचा जाए.
यूं तो कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल में हिंदुस्तान की जनता पर भयानक अत्याचार किए. मंदिरों को तोड़ा, हिंदुओं के लिए कड़े नियम बनवाए. इस्लामिक नजरिये से शासन किया. हिंदुओं के धार्मिक स्थानों पर टैक्स लगा दिया. लेकिन हकीकत में शाहजहां भी हिंदुओं से कोई हमदर्दी नहीं रखता था.