'Digital Rape' के मामले में 80 साल का बुजुर्ग गिरफ्तार, जानिए क्या है डिजिटल रेप; इंटरनेट से नहीं है कुछ लेना देना
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'Digital Rape' के मामले में 80 साल का बुजुर्ग गिरफ्तार, जानिए क्या है डिजिटल रेप; इंटरनेट से नहीं है कुछ लेना देना

Digital Rape in Noida: उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस ने 80 साल के आरोपी को डिजिटल रेप के आरोप में गिरफ्तार किया है. शख्स 7 साल से नाबालिग के साथ डिजिटल रेप करता आ रहा था. आइए बताते हैं कि आखिर डिजिटल रेप क्या होता है.

'Digital Rape' के मामले में 80 साल का बुजुर्ग गिरफ्तार, जानिए क्या है डिजिटल रेप; इंटरनेट से नहीं है कुछ लेना देना

Digital Rape in Noida: नोएडा पुलिस ने रविवार को एक 80 साल के शख्स को 17 साल की लड़की के साथ सात साल तक कथित तौर पर 'डिजिटल रेप' के आरोप में गिरफ्तार किया. मौरिस राइडर के रूप में पहचाने जाने वाले शख्स पर पीड़िता के साथ अश्लील हरकत करने का भी आरोप लगाया गया था. 

IPC की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज

नाबालिग की शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (रेप), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी) और पॉक्सो एक्ट की धारा 5 और 6 के तहत मामला दर्ज किया. जानकारी के मुताबिक आरोपी इसका विरोध करने पर पीड़िता की पिटाई भी करता था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. 

क्या होता है डिजिटल रेप?

अगर कोई शख्स बिना महिला की सहमति के उसके प्राइवेट पार्ट्स को अपने उंगलियों या अंगूठे से छे़ड़ता है, तो ये डिजिटल रेप कहलाता है. विदेशों में डिजिटल रेप शब्द का काफी इस्तेमाल होता आ रहा है. भारत में भी इसके लिए कानून बना है. दरअसल, अंग्रेजी डिक्शनरी में उंगली, अंगूठा, पैर की अंगुली को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है. इसलिए इस तरह की हरकत को डिजिटल रेप नाम दिया गया है.

निर्भया कांड के बाद मिला कानूनी दर्जा

बता दें कि भारत में साल 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद रेप के कानूनों में बदलाव किए गए. इन बदलावों में डिजिटल रेप को भी शामिल किया गया. रेप के अपराधों को कम करने के लिए IPC की धारा 376 में डिजिटल रेप को भी जोड़ा गया. लेकिन अभी भी देश में डिजिटल रेप शब्द का इस्तेमाल और सजा काफी कम है.

70% मामलों में करीबी ही होते हैं आरोपी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डिजिटल रेप के 70% मामलों में आरोपी पीड़िता के करीबी लोग या रिश्तेदार ही होते हैं. इसमें चचेरे भाई, करीबी दोस्त, अन्य रिश्तेदार, पड़ोसी और कुछ मामलों में उनके अपने पिता भी शामिल हैं. वहीं 29% केस में अपराधी कोई ऐसा व्यक्ति था, जिसे पीड़िता अपने सामाजिक दायरे के माध्यम से जानती थी. कोई ऐसा व्यक्ति जिसे वो अपने मित्रों के माध्यम से जानती हो. या कोई ऐसा व्यक्ति जिससे वो पहली बार डेट के जरिए मिल रही हो. आपको जानकर हैरानी होगी कि केवल 1% मामले दर्ज होते हैं, जिनमें अपराधी एक अजनबी था.

इतने साल की हो सकती है सजा

डिजिटल रेप के मामलों में काफी कम अपराध दर्ज होते हैं. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह इस शब्द को लेकर ज्यादातर लोग जागरूक ही नहीं है. इसे देखते हुए रेप के कानूनों में इसे भी शामिल किया गया है. इसके बाद इस तरह के मामलों में आरोपियों को सजा का प्रावधान है. डिजिटल रेप के मामलों में अपराधी को कम से कम 5 साल जेल की सजा हो सकती है. वहीं कुछ मामलों में, अपराधी को 10 साल की या  आजीवन कारावास की सजा काटनी पड़ सकती है.

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