कोरियाई तनाव के बीच मिलेंगे मोदी और आबे, तय करेंगे भारत-जापान की 'भविष्य की दिशा'
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कोरियाई तनाव के बीच मिलेंगे मोदी और आबे, तय करेंगे भारत-जापान की 'भविष्य की दिशा'

दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये और उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के बाद क्षेत्र में पैदा हुए तनाव के बीच यह शिखर सम्मेलन होगा.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे इस सप्ताह होने वाली बैठक में दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी की भविष्य की दिशा तय करेंगे. विदेश मंत्रालय ने सोमवार (11 सितंबर) को यह बात कही. आबे की दो दिवसीय यात्रा बुधवार (13 सितंबर) से शुरू होगी. इस यात्रा के दौरान वह और मोदी गुजरात के गांधीनगर में 12वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये और उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के बाद क्षेत्र में पैदा हुए तनाव के बीच यह शिखर सम्मेलन होगा.

मोदी और आबे के बीच यह चौथा वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों नेता अपनी ‘विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी’ की रूपरेखा के तहत भारत एवं जापान के बीच बहुआयामी सहयोग में हाल में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे और भविष्य की अपनी दिशा तय करेंगे.’’ सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों में भारत और जापान के संबंध मजबूत हुए हैं.

दोनों देशों ने पिछले सप्ताह अपनी वार्षिक सुरक्षा वार्ता में रक्षा उत्पादन के मामलों में करीबी सहयोग करने का संकल्प लिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल नवंबर में जापान गए थे. उस यात्रा में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया था.

आबे के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग बढ़ने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "दोनों नेता अपने विशेष सामरिक व वैश्विक भागीदारी के ढांचे के तहत बहुआयामी सहयोग में हाल में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे और इसके भविष्य की दिशा तय करेंगे।"

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