Mulayam Singh Yadav: जब यूपी में सपा ने जीती थी सबसे ज्यादा सीटें, फिर भी सरकार नहीं बना पाए थे मुलायम
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Mulayam Singh Yadav: जब यूपी में सपा ने जीती थी सबसे ज्यादा सीटें, फिर भी सरकार नहीं बना पाए थे मुलायम

Mulayam Singh Yadav Dealth: मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने 2002 के यूपी चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें हासिल की. इसके बाद भी वो मुख्यमंत्री नहीं बने. आइए बताते हैं राजनीति का ये रोचक किस्सा

Mulayam Singh Yadav: जब यूपी में सपा ने जीती थी सबसे ज्यादा सीटें, फिर भी सरकार नहीं बना पाए थे मुलायम

Mulayam Political Career: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन भारतीय राजनीति में उनकी छवि अमिट रहेगी. उन्होंने समाजवादी विचार के साथ अपनी पार्टी की स्थापना की. वो कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. लेकिन उनके राजनीतिक इतिहास में कई किस्से काफी मशहूर हैं. ऐसा ही एक किस्सा साल 2002 के चुनाव का है, जब उन्हें प्रदेश में सबसे ज्यादा सीटें मिलीं. लेकिन इसके बाद भी वो अपनी सरकार नहीं बना पाए.

सपा को मिली थीं सबसे ज्यादा सीटें

आपको बता दें कि साल 2002 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में वोट प्रतिशत और सीटों दोनों लिहाज से सपा पहले स्थान पर रही थी. सपा को 25.37 प्रतिशत वोटों के साथ 142 सीटों पर जीत मिली. वहीं, दूसरे नंबर पर बसपा रही, जिसे 23.06 प्रतिशत वोट मिले और 98 सीटों पर जीत हासिल हुई. वहीं भाजपा दोनों मामलों में तीसरे नंबर की पार्टी रही. उसे 20.08 प्रतिशत वोट के साथ 88 सीटों पर विजय मिली. कांग्रेस को इस चुनाव में 8.96 प्रतिशत वोट और 25 सीटों पर जीत मिली.

मुलायम नहीं बना पाए सरकार

अगर सीटों के आंकड़ों को देखें तो सपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर जरूर उभरी, लेकिन उसके पास पूर्ण बहुमत नहीं था. ऐसे में कोई पार्टी सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर पा रही थी. इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया. हालांकि 56 दिनों राष्ट्रपति शासन के बाद बीजेपी और बसपा ने मिलकर सरकार बनाई. लेकिन सरकार बनते ही दोनों पार्टियों के बीच मतभेद शुरू हो गए. इसके बाद 29 अगस्त 2003 को भाजपा ने मायावती सरकार से समर्थन वापस ले लिया और ये सरकार गिर गई.

सीएम बनने का दावा किया

मुलायम सिंह यादव को इस सरकार के गिरने की भनक पहले से ही थी. क्योंकि 1999 में कल्याण सिंह ने बीजेपी से अलग होकर अपनी पार्टी बना ली थी. इससे बीजेपी को काफी नुकसान झेलना पड़ा. ऐसे में सरकार गिरने से 3 दिन पहले यानी 26 अगस्त 2003 को ही मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री बनाने का दावा पेश कर दिया. उनके पास पर्याप्त विधायक नहीं थे. 27 अगस्त को बसपा के 13 विधायकों ने मुलायम को समर्थन देने की घोषणा की.

2003 में बने सीएम

13 विधायकों के समर्थन मिलने के बाद भी मुलायम सिंह बहुमत के आंकड़े से दूर थे. उनके पास 210 विधायकों का समर्थन था जबकि उन्हें 213 चाहिए थे. इसके बाद भी राज्यपाल ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिला दी. 29 अगस्त 2003 को मुलायम सीएम बन गए. मजेदार बात ये थी कि जिस बीजेपी ने 2002 में उनकी सरकार नहीं बनने दी उसी ने इस बार सपा का समर्थन किया.

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