मुगल हरम में होते थे ये गंदे काम, शासक के अलावा नहीं जाता था कोई, औरतें बहाना बनाकर...
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मुगल हरम में होते थे ये गंदे काम, शासक के अलावा नहीं जाता था कोई, औरतें बहाना बनाकर...

Mughal Harem: मुगल शासकों से जुड़े कई ऐसे कारनामें जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. मुगल शासकों की अय्याशी के बारे में कई किताबों में विस्तार से लिखा गया है. आज हम आपको मुगल काल के हरम के बारे में बताने जा रहे हैं.

मुगल हरम में होते थे ये गंदे काम, शासक के अलावा नहीं जाता था कोई, औरतें बहाना बनाकर...

Mughal Harem: मुगल शासकों से जुड़े कई ऐसे कारनामें जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. मुगल शासकों की अय्याशी के बारे में कई किताबों में विस्तार से लिखा गया है. आज हम आपको मुगल काल के हरम के बारे में बताने जा रहे हैं. यहां औरतों को रखा जाता था. इसकी शुरुआत बाबर ने की थी. अपनी शौक को पूरा करने के लिए बाबर ने इसे तैयार किया था. बाबर के बाद अकबर ने भी हरम को आगे जारी रखा. कहा गया है कि अकबर के हरम में 5 हजार से ज्यादा रानियां रहा करती थीं. कहने के लिए रानियां लेकिन इनकी हालत बेहद बुरी होती थी. आइये आपको बताते हैं मुगलों के हरम में रहने वाली औरतों के बारे में...

इतावली चिकित्सक निकोलाओ मानुची ने मुगलों के हरम के बारे में अनकही बातों के बारे में विस्तृत जानकारी दी है. मानुछी की ‘मुगल इंडिया’ किताब में लिखी बातों को मानें तो हरम में रहने वाली औरतों की हालत बद से बदतर थी. इस हरम में राजा के अलावा कोई दूसरा मर्द झांकता तक नहीं था. लेकिन बीमारी के इलाज के लिए हरम में चिकित्सक को जाने की अनुमति थी.

मानुची ने अपनी किताब में बताया है कि वो लेखक होने के साथ-साथ एक चिकित्सक भी था और उनके मुगल शहजाते दारा शिकोह के साथ घनिष्ट संबंध थे. अपनी किताब में मानुची ने लिखा है कि हरम में महिलाएं चिकित्स को पकड़ लेती थीं. उनके हाथों को चूमती थीं. कई बार तो महिलाएं अपने प्राइवेट अंगों तक चिकित्सक का हाथ ले जाती थी. और चिकित्स को ये सब चुप रहकर सहना पड़ता था. क्योंकि इन औरतों की निगरानी के लिए हट्टे-कट्टे हिजड़ों को लगाया गया था. ये हिजड़े किसी को भी धराशायी करने के लिए काफी थे.

मानुची ने यह भी लिखा है कि चिकित्स के साथ ये सब हरकत करने के लिए औरतें बीमारी का बहाना बनाती थीं. कारण वही था कि राजा के अलावा हरम में किसी भी मर्द को जाने की मनाही थी. औरतों के पास सिर्फ यही बहाना बचता था कि वे किसी मर्द को छू सकें. 

हरम में रहने वाली औरतों की खिदमत खूब होती थी लेकिन बंदिश में. हरम में कई ऐसी महिलाएं होती थीं जिन्हें मर्द स्पर्श करने में सालों बीत जाते थे. यहां कुछ औरतें शादी कर के लाई जाती थीं तो कुछ उनकी मर्जी के बिना जबरन हरम की जिंदगी जीने के लिए धकेला जाता था.

अबुल फजल द्वारा लिखी गई आइन-ए-अकबरी में भी हरम के बारे में विस्तार से बताया गया है. इसमें साफ-साफ लिखा है कि बादशाह अकबर के हरम में 5 हजार औरतें थीं. अकबर से पहले जो भी बादशाद थे उनके शासनकाल में हरम में औरतों की तादाद इतनी नहीं थी. अकबर से पहले हरम में औरतों की तादाद 300 से 400 के बीच थी. 

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