Manipur Violence Update: मणिपुर (Manipur) करीब ढाई महीने से सुलग रहा है. मगर महिलाओं के साथ हुई हैवानियत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. इसी मसले पर सियासत हावी है. मगर सवाल अब सियासत का नहीं बल्कि सवाल हैवानियत करने वालों के खिलाफ कड़े एक्शन का है.
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Manipur Women Parade: मणिपुर कांड (Manipur Incident) को लेकर सड़क से सदन तक संग्राम जारी है. संसद की कार्यवाही आज चल पाएगा या नहीं इसे लेकर सस्पेंस कायम है. दूसरी ओर विपक्ष के निशाने पर मणिपुर सरकार (Manipur Govt) और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) भी हैं. महिलाओं से हैवानियत के मामले में अब तक सिर्फ 4 आरोपियों की गिरफ्तारी हो पाई है जिसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. विवाद बढ़ रहा और पूरे देश में गुस्सा है. मणिपुर में महिलाओं के साथ जो हुआ उस पर पूरे देश में गुस्सा है, आक्रोश है और नाराजगी है. घटना बेहद शर्मनाक है, देश शर्मसार है और अनगिनत सवाल हैं. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेता ने पूछा कि वो व्यक्ति जिसकी नाक के नीचे ये घटनाएं हो रही हैं वो वहां का मुख्यमंत्री बना कैसे हुआ है?
मणिपुर के मुद्दे पर छिड़ा संग्राम
वहीं, मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि मणिपुर में हिंसा लगातार हो रही है. इसमें कौन-कौन है ये पहचान करने में टाइम लगा. जैसे ही वीडियो मिला वैसे ही एक्शन लिया गया. बता दें कि सड़क से संसद तक मणिपुर के मुद्दे पर संग्राम छिड़ा है. मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि इसे बहुत ही हैवानियत कहना चाहिए और ऐसे लोगों को जिनती कड़ी से कड़ी सजा हो वो देनी चाहिए.
पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
मणिपुर में 4 मई को महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ और कार्रवाई 77 दिन बाद हुई. वो भी तब जब पूरी दुनिया के सामने दरिंदगी का वीडियो आ गया. पुलिस ने अब तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिसमें मुख्य आरोपी भी शामिल है इसीलिए पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. ढाई महीने तक वहां की सरकार ने कुछ भी नहीं किया.
मणिपुर सरकार पर उठे सवाल
गौरतलब है कि मणिपुर की घटना को लेकर पूरे देश में उबाल है. सवाल मणिपुर की सरकार से भी पूछे जा रहे हैं. सवाल महिला सुरक्षा का, सवाल कार्रवाई में हुई देरी का, सवाल इंसाफ का. इन सवालों के बीच ही मणिपुर की राज्यपाल ने डीजीपी को तलब किया और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए.
राज्यपाल ने लगाई फटकार
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि मैंने कहा कि जितनी जल्दी हो सके उन सारे आरोपियों जिन्होंने इस तरह का दुष्कर्म किया है उनको गिरफ्तार करें और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें. और जिस थाने में 4 मई को ये घटना हुई थी और 18 को रिपोर्ट हुई थी तो अभी तक पुलिस ने क्यों नहीं उसकी जांच करके आरोपियों को गिरफ्तार किया? ये बेहद दुखद है.
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